हनुमान जी की भक्ति और सेवाभाव का वर्णन इस भजन में बड़ी ही सुंदरता से किया गया है। हनुमान जी, जिन्हें पवनपुत्र भी कहा जाता है, राम के परम भक्त और दास हैं। उनकी चरण रज से सबका उद्धार होता है। हनुमान जी जहां भी जाते हैं, वहां राम की सेवा और उनके कार्यों को पूर्ण करते हैं। उन्होंने सीता माता का पता लगाकर राम को उनका संदेश दिया और राम की मुद्रिका सीता को पहुंचाई। हनुमान जी की भक्ति और प्रेम की भाषा अनोखी है, जिसमें वे राम की हर अभिलाषा पूरी करते हैं।