हेलमेट को हिन्दी में क्या कहते हैं Helmet Ko Hindi Me Kya Kahate Hain

हेलमेट को हिन्दी में क्या कहते हैं Helmet Ko Hindi Me Kya Kahate Hain

इंग्लिश/अंग्रेजी लैंग्वेज हमारी बोली में इतने घुल मिल चुकी है की हम कई शब्दों को ज्यों का त्यों ही हिंदी में भी बोलने लग जाते हैं। यह भी सही है की कुछ शब्दों के हिंदी में अर्थ या समान शब्द बोल पाना अत्यंत ही क्लिष्ट होता है या फिर उसका उपयोग करना बेढंगा लगता है। लेकिन आपको इंग्लिश के इन शब्दों का हिंदी में समानार्थी शब्द पता होना चाहिए। ऐसा ही एक शब्द है हेलमेट। हम कभी सोचते नहीं की हेलमेट को हिंदी में क्या कहते हैं, क्योंकि किसकी जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन कई बार किसी इंटरव्यू आदि में हमसे पूछ लिया जाता है की हेलमेट को हिंदी में क्या कहते हैं ? तो आइये जान लेते हैं की हेलमेट को हिंदी में क्या कहते हैं। 

हेलमेट कई कारणों से महत्वपूर्ण है, खासकर जब मोटरसाइकिल या साइकिल चलाने जैसी गतिविधियों की बात आती है। यहाँ कुछ कारण बताए गए हैं कि हेलमेट पहनना क्यों महत्वपूर्ण है:

  1. आपके सिर की सुरक्षा करता है: दुर्घटना या दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट आपके सिर को सुरक्षा प्रदान करता है। यह प्रभाव को अवशोषित करने और सिर की चोट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, जो जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।
  2. मस्तिष्क की चोट को रोकता है: सिर की चोट मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे संज्ञानात्मक हानि, स्मृति हानि और अन्य दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। एक हेलमेट प्रभाव को अवशोषित करके और सिर की रक्षा करके मस्तिष्क की चोट के जोखिम को कम कर सकता है।
  3. सुरक्षा को बढ़ावा देता है: मोटरसाइकिल या साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनने से सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है और दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलती है। यह आपको अन्य ड्राइवरों के लिए अधिक दृश्यमान बनाता है और टक्करों को रोकने में मदद कर सकता है।
  4. कानूनी आवश्यकता: कई देशों में मोटरसाइकिल या साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनना एक कानूनी आवश्यकता है। हेलमेट न पहनने पर जुर्माना लग सकता है और कुछ मामलों में आपका लाइसेंस निलंबित भी किया जा सकता है।
संक्षेप में, मोटरसाइकिल या साइकिल की सवारी करते समय खुद को सिर की चोटों से बचाने और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक है।

 

हेलमेट को हिन्दी में क्या कहते हैं Helmet Ko Hindi Me Kya Kahate Hain

 

 

हेलमेट को हिंदी में शिरस्त्राण/Sirstran कहते हैं।


हिंदी में इसे शीश कवच भी कह सकते हैं, चूँकि कवच से आशय भी सुरक्षा देने वाला होता है।
पूर्व में जब सैनिक युद्धों के लिए तैयार होते थे तो वे धातु का एक कवच अपने सर पर पहनते थे जिसे शिरस्त्राण कहा जाता था। शिरस्त्राण मिश्र धातुओं का बनाया जाता था जो भेदने में असाध्य और वजन में हल्का होता था। इसके विपरीत हेलमेट प्लास्टिक, फाइबर, कार्बन फाइबर आदि का बनाया जाता है जो की वजन में हल्का और हमें मानकों के अनुसार सुरक्षा उपलब्ध करवाता है।
शिरस्त्राण का संधि विच्छेद = शिर: + त्राण, जिन व्यंजनों में परिवर्तन के कारण संधि है = (विसर्ग + त् /थ् = स्) या (विसर्ग + च् /छ् = श्) या (विसर्ग + ट् /ठ् = ष्)

शिरस्त्राण के उदाहरण (Examples of Shirstran)

नर धनेश का शिरस्त्राण मादा के शिरस्त्राण से बड़ा होता है। सामान्यतया धनेश की चोंच और शिरस्त्राण हलका होता है।
सिर की रक्षा के लिए आधुनिक काल में हेलमेट का प्रयोग होता है। ऋग्वेद के रचनाकाल में धातु या लोहे का शिरस्त्राण का उपयोग होता था। 
 

हेलमेट पहनने से क्या लाभ होता है Helmet Pahane Ke Fayade

  • हेलमेट हमें दुर्घटना होने पर सुरक्षा प्रदान करता है, क्योंकि हमारा सर बहुत नाजुक होता है। दुर्घटना के वक़्त यह हमारे चेहरे और मस्तिष्क को बचाता है।
  • हेलमेट पहनने से यात्रा के समय धुल मिटटी और कीट से हमारी आखों का बचाव होता है।
  • तेज हवा से बचाव होता है।  

हेलमेट कितने प्रकार के होते हैं Helmet Kitane Prakar Ke hote Hain ?

  • फुल फेस हेलमेट फुल फेस हेलमेट।
  • हाफ फेस हेलमेट हाफ फेस हेलमेट।
  • मॉडुलर हेलमेट मॉडुलर हेलमेट।
  • ओपन फेस हेलमेट ओपन फेस हेलमेट।
  • ऑफ रोड हेलमेट ऑफ रोड हेलमेट।
  • डुअल स्पोर्ट हेलमेट डुअल स्पोर्ट हेलमे।

लोग हेलमेट क्यों नहीं पहनते?

लोगों को हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनना चाहिए लेकिन वे देखादेखी और रोमांचक करने के हेलमेट नहीं पहनते हैं। कुछ लोग हेलमेट पहनने को झंझट समझते हैं, लेकिन उन्हें अनिवार्य रूप से हेलमेट को पहनना चाहिए, यह उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक होता है। 

एक अच्छे हेलमेट का चयन कैसे करें

सबसे अच्छा हेलमेट चुनना एक महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है जो संभावित रूप से आपके जीवन को बचा सकता है। सर्वश्रेष्ठ हेलमेट का चयन करते समय विचार करने के कुछ कारक यहां दिए गए हैं: एक अच्छे और सुरक्षित हेलमेट का चयन करने के लिए आप निम्न बिंदुओं का पालन करें।
  1. सुरक्षा मानक: ऐसा हेलमेट चुनें जो DOT, ECE या Snell जैसे सुरक्षा मानकों को पूरा करता हो या उनसे बढ़कर हो। प्रमाणन यह सुनिश्चित करता है कि हेलमेट ने आपके सिर को गंभीर चोटों से बचाने के लिए विभिन्न परीक्षणों को पारित किया है।
  2. फ़िट: हेलमेट को बिना किसी दबाव बिंदु के आपके सिर के चारों ओर अच्छी तरह से फिट होना चाहिए। सही आकार का हेलमेट खोजने के लिए अपने सिर की परिधि को मापना सुनिश्चित करें।
  3. आराम: ऐसा हेलमेट चुनें जो आरामदायक हो और आपकी सवारी शैली के अनुकूल हो। आपके सिर को ठंडा रखने के लिए इसमें उचित वेंटिलेशन होना चाहिए और पैडिंग नरम और आरामदायक होनी चाहिए।
  4. वाइज़र: एक स्पष्ट वाइज़र के साथ एक हेलमेट चुनें जो अच्छी दृश्यता की अनुमति देता है और इसमें एक एंटी-फॉग और एंटी-स्क्रैच कोटिंग है।
  5. स्टाइल: हेलमेट कई तरह के स्टाइल और डिजाइन में आते हैं। ऐसा हेलमेट चुनें जो आपको पसंद हो और जो आपकी व्यक्तिगत शैली के अनुकूल हो।
  6. मूल्य: जबकि कीमत ही एकमात्र कारक नहीं होना चाहिए, एक हेलमेट चुनना आवश्यक है जो आपके बजट में फिट बैठता है और आवश्यक सुरक्षा सुविधाएँ प्रदान करता है।
संक्षेप में, हेलमेट चुनते समय, ऐसा हेलमेट चुनें जो सुरक्षा मानकों को पूरा करता हो, अच्छी तरह से फिट हो, आरामदायक हो, स्पष्ट दृष्टि वाला हो, आपकी व्यक्तिगत शैली के अनुकूल हो, और आपके बजट के अनुकूल हो।

बिना हेलमेट पहनने पर कितना जुर्माना लगता है?

मोटर वाहन अधिनियम, भारत सरकार के वर्णित नियम 194 डी के मुताबिक़ यदि कोई व्यक्ति बिना हेल्मेट पहने दोपहिया वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर ₹1000 रुपए का चालान किया जा सकता है।

भारत में कौन से हेलमेट वैध हैं?

हेलमेट का वजन 1.5 किलोग्राम से घटाकर 1.2 किलोग्राम कर दिया गया है और हेलमेट की न्यूनतम मोटाई 20-25 मिमी होनी चाहिए, जिसके निर्माण में तय मानकों का पालन अनिवार्य है।

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