कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा, अपना मुझे बनायेगा, जीवन ज्योत जगायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।
आस लगाए कब से बैठे, श्याम तुम्हारे चरणों में, नित तेरा गुणगान करें, हम गली गली और घर घर में, नैन दरश के प्यासे हैं, कब तू दरश दिखायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।
कब तक गुण गाये हम तेरा, इतना तो बतलाओ तुम, गीता में जो वादा किया, उसको आन निभाओ तुम, चरणों की धूलि पाने से, मेरा जीवन सफल हो जायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।
श्याम बिहारी सुनलो हमारी, हाथ जोड़कर के विनती, जो जो पाप किये हैं हमने, उनकी मत करना गिनती, रे मन मूरख दर दर की बाबा, कब तक ठोकर खायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।
कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा, अपना मुझे बनायेगा, जीवन ज्योत जगायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।
कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा, अपना मुझे बनायेगा, जीवन ज्योत जगायेगा, कभी ना कभी कहीं ना कहीं, मेरा श्याम सलोना आयेगा।