नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम Naag Devata Trahi Maam Shiv Bhajan Naag Devata Trahi Maam Trahi Maam
शिवजी की जटा में छुप जाने वाले,नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम,
अरे शंकर के गले को सजाने वाले,
विष्णु को सैया पे सुलाने वाले,
शंकर के जटा मे छुप जाने वाले,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम।
जो शिव शंकर पा गया,
वो सब पा गया,
शिवजी की जटा में छुप जाने वाले,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम।
अरे कोमल कोमल,
अंग तिहारा हा आ
कोमल कोमल अंग तिहारा,
श्याम वरण तेरा लागे प्यारा
अरे झिलमिल झिलमिल,
चाल तिहारी हा आ
झिलमिल झिलमिल,
चाल तिहारी
अरे जैसे जमुना जल की धारा,
अरे शेष हजार फनो वाले,
ओ भगता की लाज बचाने वाले,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम।
अरे सोवे बालक रोवे माता,
सोवे बालक रोवे माता,
ये कैसा अन्याय विधाता,
ये बालक है तुम पालक हो,
ये बालक है तुम पालक हो,
प्राण दान दो जीवन दाता,
शेष हजार फनो वाले,
भगतो की लाज बचाने वाले,
अरे शंकर के गले को सजाने वाले,
विष्णु को सैया पे सुलाने वाले,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम।
शिवजी की जटा में छुप जाने वाले,
अरे शंकर के गले को सजाने वाले,
विष्णु को सैया पे सुलाने वाले,
शंकर के जटा मे छुप जाने वाले,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम।
शिवजी की जटा में छुप जाने वाले,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम,
अरे शंकर के गले को सजाने वाले,
विष्णु को सैया पे सुलाने वाले,
शंकर के जटा मे छुप जाने वाले,
नाग देवता त्राहि माम त्राहि माम।
Author - Saroj Jangir
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