जप स्वांसो की माला पे नाम भजन

जप स्वांसो की माला पे नाम भजन

 
जप स्वांसो की माला पे नाम लिरिक्स Jap Swanso Ki Mala Lyrics

जप स्वांसो की माला पे नाम,
संत तुझको समझाते है,
सुन हिदायत,
अमल कर नादान,
ना गुजरे दिन फिर आते है।

नश्वर जगत के,
व्यवहार बन्दे,
नश्वर आडम्बर ये सारा,
नश्वर सब महल मकान,
जो तेरा दिल भरमाते है,
सुन हिदायत,
अमल कर नादान,
ना गुजरे दिन फिर आते है।

दो साल दस साल,
सौ साल जी ले,
आखिर पड़े तुझको जाना,
इस दुनिया से जाके सुनाना,
फिर है किसी को आना,
पा सकता ना कोई काया,
ये संत बतलाते है,
सुन हिदायत,
अमल कर नादान,
ना गुजरे दिन फिर आते है।

चौरासी लाख से श्रेष्ट,
मानुष तन पाकर,
प्रभु को ना ध्याया,
होगा सदा ही,
हज़ूरी प्रभु की,
खौफ ना मन में आया,
कह रहे तुझे संत सुजान,
स्वांस तेरी बीतती जाती है,
जप स्वांसो की माला पे नाम,
संत तुझको समझाते है,
सुन हिदायत,
अमल कर नादान,
ना गुजरे दिन फिर आते है।

कर बंदगी सतगुरु की,
ऐ भोले इज्जत से,
परलोक जाना
होगा ना फिर कभी चक्कर,
चौरासी में दास तुझको आना,
देख कितना नफा नुकसान,
दया से गुरु बतलाते है,
जप स्वांसो की माला पे नाम,
संत तुझको समझाते है,
सुन हिदायत,
अमल कर नादान,
ना गुजरे दिन फिर आते है।

जप स्वांसो की माला पे नाम,
संत तुझको समझाते है,
सुन हिदायत,
अमल कर नादान,
ना गुजरे दिन फिर आते है।


Jap Swanso Ki Mala Pe Naam जप स्वांसो की माला पे नाम By Bhakti Sangeet Latest Bhajan
 
Listen to this Devotional Bhajan "Jap Swanso Ki Mala Pe Naam" and Indulge in the devotion of God.
 
यह संसार और इसके सारे वैभव, महल, मकान और व्यवहार नश्वर हैं, जो मन को मोह में डालकर सत्य से भटकाते हैं। सच्चाई यही है कि मानव जीवन का हर स्वांस अनमोल है, और इसे प्रभु के नाम के जप में लगाना ही सच्चा कर्म है। संतों की यह हिदायत है कि प्रत्येक साँस पर प्रभु का नाम जपो, क्योंकि समय बीतने के बाद यह अवसर फिर नहीं लौटता। जो व्यक्ति इस सलाह को अमल में लाता है, वह अपने जीवन को भवसागर से पार करने का मार्ग पाता है और प्रभु की भक्ति में लीन होकर सदा के लिए उनके चरणों में स्थान प्राप्त करता है।

मानव देह चौरासी लाख योनियों में श्रेष्ठ है, परंतु इसे पाकर भी यदि प्रभु का ध्यान न किया जाए, तो यह अवसर व्यर्थ चला जाता है। संत सुजान बार-बार समझाते हैं कि जीवन का अंत निश्चित है, और मृत्यु के पश्चात् न कोई साथ जाता है, न कोई काया लौटती है। सतगुरु की बंदगी और प्रभु के नाम की भक्ति ही वह रास्ता है, जो भक्त को चौरासी के चक्कर से मुक्त करता है। गुरु की दया और उनकी शिक्षाओं पर चलकर भक्त परलोक में सुख पाता है और संसार के नफा-नुकसान के भ्रम से मुक्त हो जाता है। प्रत्येक साँस पर प्रभु का नाम स्मरण करने वाला व्यक्ति न केवल इस जीवन को सार्थक बनाता है, बल्कि प्रभु की हजूरी में स्थान पाकर अनंत शांति और मुक्ति का अधिकारी बनता है।
 
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