प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है, प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है।
पृथ्वी नीचे पाताल बनाया, ये मिट्टी कहां से लाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है, प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है।
भांति भांति के पेड़ बनाये, ये बीज कहां से लाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है, प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है।
तूने रंग बिरंगे फूल खिलाये, यह रंग कहां से लाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है, प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है।
कितने तरह के पशु पक्षी बनाये, ये आवाज कहां से लाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है, प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है।
तूने अलग अलग मनुष्य बनाये, ये सांचा कहां से लाया है, और कैसे ये खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है, प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है।
प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है, प्रभु कैसा खेल रचाया है, पर मेरी समझ नहीं आया है।
■ Title ▹Prabhu Kesa Khel Rachaya Hain Ye Meri Samajh Nahin Aaya Hai ■ Artist ▹Pallavi Narang ■ Singer ▹Sheela Kalson ■ Music ▹Pardeep Panchal ■ Lyrics & Composer ▹Traditional ■ Editing ▹Utsav