दादू मि पर्वतु को वासी

दादू मि पर्वतु को वासी

दादू मि पर्वतु को वासी, झम-झम ले।
दादू मेरि सोंज्यड़या च काफू,
दादू मेरि गेल्या च हिलांसी, झम-झम ले।।

छायो मि भाजीकु प्यारु,
छायो मि मांजी कु लादुलो।
छो मेरो गोल कु हंसुलो,
दादू रे बोजीकु भिन्तुलो।।

दादू मेरि उल्यारी जिकुड़ी,
दादू मि पर्वतु को वासी, झम-झम ले।।

दादू मिन रौंस्ल्यौं का बीच,
बैठी कि बांसुरी बजेनी।
दादू मिन चेरी की चुराख्यौ,
चल्कदा ह्युंचला दिखेनी।।

झम-झम ले...
दादू मेरि उल्यारी जिकुड़ी,
दादू मि पर्वतु को वासी, झम-झम ले।।


Dadu meri ulyaru jikudi || narendra singh negi || gadwali song

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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