बाबा खूब सुनी निर्धन की खाटूश्याम भजन

बाबा खूब सुनी निर्धन की खाटूश्याम भजन

 
बाबा खूब सुनी निर्धन की खाटूश्याम भजन

बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

कदे घर में टोटा था भारया,
मैं तो हांडू था मारा मारा,
मनै सोधि ना थी तन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

तनै ऐसी करदी मौज मेरी,
नोटा तै भरी रह गौज मेरी,
थम जाणो थे मेरे मन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

एक पोता पोती दी प्यारी,
खेले दे दे कै किलकारी,
म्हारै शोभा घर आंगन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

तेरा भीम सैन गुण गावै जी,
चरणा मैं शीश झुकावै जी ,
चढ़ी मस्ती तेरे भजन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।


बाबा खूब सुनी निर्धन की || Baba Khatu Shyam Bhajan 2021 || Kanchan Nagar || Mor Bhakti Bhajan

जब किसी का जीवन तंगी, दुःख या अभावों की आँच से गुजरता है, तब मन किसी ऐसे सहारे की तलाश करता है जो केवल शब्द नहीं, सच्चा अनुभव बन जाए। यह वही क्षण है जब कृपा का हाथ उतरता है — मौन में, अनदेखे रूप में, लेकिन पूरे भरोसे के साथ। यह भरोसा अचानक हालात नहीं बदलता, बल्कि दृष्टि बदल देता है। जहाँ पहले कमी दिखाई देती थी, वहाँ अब संतोष का भाव जाग उठता है। ईश्वर तब धन या वैभव नहीं देते, वे मन को समृद्ध कर देते हैं। जो कभी टूटा हुआ था, उसी भीतर अब मौज और कृतज्ञता की नदी बहने लगती है।

Song Bhajan - Baba Khoob Suni Nirdhan Ki
Singer - Kanchan Nagar
Lyrics - Bhim Sain
Music - Mor Music Studio ( Sid Sinha )
Camera - Roshan Thapa
Edit - Aman Sharma
Director - Billu Rawat 

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