बाबा खूब सुनी निर्धन की लिरिक्स Baba Khub Suni Lyrics

बाबा खूब सुनी निर्धन की लिरिक्स Baba Khub Suni Lyrics

बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

कदे घर में टोटा था भारया,
मैं तो हांडू था मारा मारा,
मनै सोधि ना थी तन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

तनै ऐसी करदी मौज मेरी,
नोटा तै भरी रह गौज मेरी,
थम जाणो थे मेरे मन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

एक पोता पोती दी प्यारी,
खेले दे दे कै किलकारी,
म्हारै शोभा घर आंगन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

तेरा भीम सैन गुण गावै जी,
चरणा मैं शीश झुकावै जी ,
चढ़ी मस्ती तेरे भजन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।

बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेर धन की।



बाबा खूब सुनी निर्धन की || Baba Khatu Shyam Bhajan 2021 || Kanchan Nagar || Mor Bhakti Bhajan

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