बाबा की जयकार लगाओ भक्तों लिरिक्स Baba Ki Jaykar Lyrics
हाथों को इक बार उठाओ भक्तों,बाबा की जयकार लगाओ भक्तों,
भावों का उपहार चढ़ाओ भक्तों,
बाबा की जयकार लगाओ भक्तों।
आलू सिंह जी के समय में,
ऐसे कीर्तन होते थे,
भक्तों के भजनों को सुन कर,
श्याम भी मगन होते थे,
वैसा ही कुछ प्यार जगाओ भक्तों,
बाबा की जयकार लगाओ भक्तों।
श्याम बहादुर जी ने केवल,
जय श्री श्याम ही बोला था,
मोरछड़ी से ताला खोला,
श्याम का आसन डोला था,
फिर से वही ललकार,
दिखाओ भक्तों,
बाबा की जयकार,
लगाओ भक्तों।
भजन सुना दो भक्तों ऐसे,
बाबा दौड़ा आ जाये,
पवन वेग से श्याम को लेकर,
लीला घोड़ा आ जाये,
तार से ऐसा तार मिलाओ भक्तों,
बाबा की जयकार लगाओ भक्तों।
गूँज उठे दुनिया बजा दो,
ताली इतनी ज़ोर से,
न जाने कब मोहित होकर,
आ जाये किस ओर से,
ताली बारम्बार बजाओ भक्तों,
बाबा की जयकार लगाओ भक्तों।
हाथों को इक बार उठाओ भक्तों,
बाबा की जयकार लगाओ भक्तों,
भावों का उपहार चढ़ाओ भक्तों,
बाबा की जयकार लगाओ भक्तों।