भंगिया पिले भोले नाथ घोट के

भंगिया पिले भोले नाथ घोट के

भंगिया पिले भोले नाथ,
घोट के गौरा लाइ रे,
भंगिया पिले रे,
भंगिया पिले भोले नाथ,
घोट के गौरा लाइ रे,
भंगिया पिले रे।

हाँ रे भंगिया पिले रे,
सांचाई रे भंगिया पिले,
भोले नाथ घोट के गौरा लाइ रे,
भंगिया पिले रे।

हरी हरी पत्तिया,
बगिया से लाइ रे,
तो पीस पीस सिलबट्टा पे,
लोटा में घुलाई रे भंगिया पिले रे।

गोर गोर हाथ मेरे,
दुखे नरम कलाई रे,
तो घोटत भोला भांग तुम्हारी,
पड़ गए छाले रे भंगिया पिले रे।

अंखिया खोलो मेरे स्वामी,
ये क्या समाधि लगाई रे,
हाथों में भंगिया का लोटा,
गौरा लाइ रे भंगिया पिले रे।

हम तो रे जिमे भोले,
छप्पन भोग मिठाई रे,
तुमरे कारन मेरे स्वामी,
तुमरे कारन स्वामी,
लड्डू भांग के लाइ रे,
भंगिया पिले रे।

भंगिया पिले भोले नाथ,
घोट के गौरा लाइ रे,
भंगिया पिले रे,
भंगिया पिले भोले नाथ,
घोट के गौरा लाइ रे,
भंगिया पिले रे।
 


शिव पार्वती भजन : भंगिया पिले भोले नाथ घोट के गोरा लाइ रे भंगिया पिले रे #shivparvatibhajan #gora

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