अविपत्तिकर चूर्ण क्या है ? What is Avipattikar Churna in Hindi
अविपत्तिकरचूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो चूर्ण रूप में होती है और यह पेट से संबंधित समस्याओं यथा पाचन, खट्टी डकार, अपच, पेट का फूलना आदि विकारों में बहुत ही गुणकारी होता है। इस चूर्ण के सामान्य घटक की जानकारी निचे दी गई है। अग्निमंद्य को आयुर्वेद में अपच नाम से जाना जाता है, जो पित्त के असंतुलन के कारण होता है। यह चूर्ण पित्त दोष को संतुलित करता है और आम को पचाता है। जब खाया गया भोजन मंद अग्नि (अल्प जठराग्नि) के कारण अवशोषित रह जाता है, तो अपच के नतीजे में आम (ऐसा भोजन जो अवशोषित नहीं हो पाता है) का निर्माण होता है। अतः यह चूर्ण सभी प्रकार की पाचन संबंधी समस्याओं के लिए प्रभावी होता है।अविपत्तिकर चूर्ण एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जो पेट समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायता कर सकती है। यह एक आम चूर्ण है जिसे विभिन्न प्रकार के औषधीय जड़ी-बूटों का मिश्रण बनाया जाता है, जैसे कि अमलकी, बहेड़ा, हरड़, सौंठ, जीरा, इलायची और नागरमोथा आदि। अविपत्तिकर चूर्ण दीपन उत्तेजक और पाचन को ठीक करता है।
अविपत्तिकर चूर्ण के घटक Avipattikar Churna ingredients Hindi. Best Ayurvedic Medicine for Acidity.
सामान्य रूप से अविपत्तिकर चूर्ण के घटक Ingredients निम्न प्रकार से होते हैं :-- Sounth सौंठ जिंजिबर ऑफ़िसिनेल / Zingiber officinale
- Kali Mirch काली मिर्च (Piper nigrum)
- Pippal पिप्पल Piper longum
- Harad हरड़ Haritaki Terminalia chebula
- Baheda भरड़ Bibhitaka Terminalia bellirica
- Amla आँवलाAmalaki Phyllanthus emblica
- Nagarmotha नागरमोथा Musta Cyperus rotundus
- Vid Namak विडनमक/नौसादर
- VaiVidang बाय विडंग Embelia Ribes
- Laghu Ela छोटी एला (Sukshmaila API) Eletteria cardamomum
- Tej Patra तेजपत्र Cinnamomum tamala, Indian bay leaf
- Lavang लौंगLavang (Syzgium aromaticum)
- Nisoth निशोथ
- Mishri मिश्री
अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे (Avipattikar Churna Benefits)
अविपत्तिकर चूर्ण पाचन से संबंधित समस्याओं के लिए एक आयुर्वेदिक ओषधि है। इस चूर्ण के उपयोग से पाचन सुधरता है और पाचन जनित विकार दूर होते हैं। इसके घटक इसे गुणकारी बनाते हैं क्योंकि सभी घटक गैस कम करने, पाचन को सुधारने, कब्ज और आफरा कम करने आदि में सहायक होते हैं। अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से अपच, गैस आदि में तुरंत लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त मतली, खटास, सीने में जलन, सरदर्द जैसे विकारों में भी लाभदाई है।एसिडिटी दूर करने में अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे
कब्ज की समस्या दूर करने सबंधी अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे
टॉक्सिंस बाहर निकालने में फायदेमंद है अविपत्तिकर चूर्ण
पेशाब की रुकावट दूर करने में अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे
भूख बढाने में अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे
अविपत्तिकर चूर्ण बनाने का तरीका (How to Make Avipattikar Churna)
सामग्री:
- कालीमिर्च – Black Pepper (Piper nigrum) 1 भाग
- सोंठ – Ginger (Zingiber officinale) 1 भाग
- पिप्पली – Long Pepper (Piper longum) 1 भाग
- आंवला (आमलकी) – Indian Gooseberry (Amla) (Emblica officinalis) 1 भाग
- बहेड़ा (विभितकी) – Beleric Myrobalan (Bibhitaki) (Terminalia bellirica) 1 भाग
- हरड (हरीतकी) – Haritaki (Yellow Myrobalan) (Terminalia chebula) 1 भाग
- नागरमोथा – Nut Grass (Cyperus rotundus) 1 भाग
- वायविडंग – False Black Pepper (Embelia ribes) 1 भाग
- विड लवण – Black Salt (Nigella sativa) 1 भाग
- इलायची – Cardamom (Elettaria cardamomum) 1 भाग
- तेजपत्र – Cinnamon (Cinnamomum verum) 1 भाग
- लौंग – Clove (Syzygium aromaticum) 10 भाग
- निशोथ – Turpeth (Operculina turpethum) 40 भाग
- मिश्री – Rock Sugar (Crystallized sugar lumps) (Saccharum officinarum) 60 भाग
विधि:
- सभी सामग्री को एक साथ एक थाली में डालें और अच्छी तरह से साफ़ कर लें.
- सूखी सामग्री (मिश्री को छोडकर) अन्य को कुछ देर तक धुप में रखें जिससे उनकी नमी निकल जाए.
- अब इनको बारीक कूट लें और मिक्सी में महीन पीस लें. मिश्री को भी चूर्ण रूप में इसमें मिला दें.
- एक हवाबंद डिब्बे में स्टोर करें।
अविपत्तिकर चूर्ण के घटक और उनके आयुर्वेदिक लाभ
Sounth सौंठ जिंजिबर ऑफ़िसिनेल / Zingiber officinale
Kali Mirch काली मिर्च (Piper nigrum)
Pippal पिप्पल Piper longum
Harad हरड़ Haritaki Terminalia chebula
Baheda भरड़ Bibhitaka Terminalia bellirica
Amla आँवला Amalaki Phyllanthus emblica
Nagarmotha नागरमोथा Musta Cyperus rotundus
- Vid Namak विडनमक/नौसादर
- VaiVidang बाय विडंग Embelia Ribes
- Laghu Ela छोटी एला (Sukshmaila API) Eletteria cardamomum
- Tej Patra तेजपत्र Cinnamomum tamala, Indian bay leaf
- Lavang लौंगLavang (Syzgium aromaticum)
- Nisoth निशोथ
- Mishri मिश्री
इन विकारों में लाभदायक है अविपत्तिकर चूर्ण
- आंतों के इंफेक्शन
- आंतों की सूजन
- आंत के अल्सर
- सीने की जलन
- पेट में एसिड बनने की समस्या
- पेट फूलना
- मितली आने की समस्या
- भूख ना लगना
- शौच का ठीक से नहीं लगना।
- पेट में गैस का अधिक बनना।
उपरोक्त के अतिरिक्त अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे:
- आंतों के इंफेक्शन को दूर करें: यह चूर्ण आंतों के इंफेक्शन को कम करके आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- आंतों की सूजन को कम करें: अविपत्तिकर चूर्ण आंतों की सूजन को कम करने में मदद करता है।
- आंत के अल्सर को ठीक करें: यह चूर्ण आंत के अल्सर को ठीक करने में मदद करता है और विषाक्त प्रदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है।
- सीने की जलन को कम करें: अविपत्तिकर चूर्ण सीने की जलन को कम करता है, खट्टी डकार और पेट फूलने को भी दूर करता है।
- पेट में एसिड बनने की समस्या को दूर करें: यह चूर्ण पेट में एसिड बनने की क्रिया को ठीक करता है।
- पेट फूलना को कम करें: अविपत्तिकर चूर्ण पेट फूलने की समस्या को कम करता है, इसके सेवन से पेट हल्का रहता है।
- मितली आने की समस्या को दूर करें: पेट में गैस बनने, आफरा होने पर मितली आदि है, ऐसे में यह चूर्ण आपको इन विकारों को दूर रखने में सहायक होता है।
- भूख ना लगना को दूर करें: यह चूर्ण भूख बढाता है।
- शौच ठीक से ना होने की समस्या को कम करें: अविपत्तिकर चूर्ण शौच की समस्या ठीक करता है और मल को अधिक सख्त नहीं होने देता है।
- क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस को कम करता है- गैस्ट्राइटिस एक ऐसी समस्या है जिसमें पेट की लाइनिंग में सूजन हो जाती है। अविपत्तिकर चूर्ण से पेट से एसिड का स्तर कम होता है, सूजन कम होती है और पेट में म्यूकस लाइनिंग की रूकावट को दूर करने में मदद मिलती है। इसलिए, यह क्रोनिक गैस्ट्राइटिस को कम करने में सक्षम होता है।
- कृमिनाशक : अविपत्तिकर चूर्ण कृमि नाशक भी होता है, कालीमिर्च, नागरमोथा और वायविडंग ऐसे घटक हैं जो शरीर से कृमि को समाप्त करते हैं।
Side Effects of Avipattikar Churna in Hindi-अविपत्तिकर चूर्ण के साइड इफ़ेक्ट
अविपत्तिकर चूर्ण एक आयुर्वेदिक है जिसके सामान्य रूप से कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। फिर भी आप इस चूर्ण के सेवन से पूर्व वैद्य से सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लें। गर्भवती स्त्री और छोटे बच्चों को यह चूर्ण नहीं दिया जाना चाहिये।More Recommendations to explore
- शुद्धि चूर्ण फायदे और उपयोग Patanjali Shuddhi Churna Benefits Hindi
- पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यम चूर्ण में कौन सा चूर्ण अच्छा है ?
- एलोवेरा (घृतकुमारी) तेल के फायदे लंबे और घने बाल Aloe Vera Oil for Healthy Hair Hindi
- ब्रोकली के फायदे, उपयोग के तरीके Broccoli Benefits, Uses in Hindi
- एलोवेरा (घृतकुमारी) के फायदे, उपयोग और नुकसान Benefits, Uses of Aloe Vera in Hindi
- अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे Avipattikar Churna ke Fayde
Ayurvedic Treatment for Acidity | Acharya Balkrishna
उत्तर: अविपत्तिकर चूर्ण एक आयुर्वेदिक चिकित्सा उपचार है जो अपच, एसिडिटी और गैस समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और गैस और एसिडिटी समस्याओं से राहत मिलती है। इस चूर्ण के अनेक गुण होते हैं, जो इसे इतना प्रभावी बनाते हैं। इसे उपयोग करने से आंतों के इंफेक्शन, आंतों की सूजन, आंत के अल्सर, सीने की जलन, पेट में एसिड बनने की समस्या, पेट फूलना, मितली आने की समस्या, भूख ना लगना, शौच का ठीक से ना होना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज में लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा, अवित्तिकर चूर्ण में रेचक गुण होता है, जो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालकर पाचनतंत्र को साफ करता है। इससे शरीर की अवशोषण क्षमता बढ़ती है और शरीर को अपशिष्ट पदार्थों से मुक्त रखने में मदद मिलती है।
उत्तर: एक छोटी चम्मच चूर्ण गर्म पानी के साथ खाने से पंद्रह मिनट पहले, इसे रात को खाने के उपरान्त भी लिया जा सकता है.
उत्तर: अविपत्तिकर चूर्ण के अधिक सेवन से कुछ लोगों को असहजता हो सकती है, अतः इस हेतु आप वैद्य से अवश्य संपर्क करें.
अविपत्तिकर चूर्ण के सेवन से पहले विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी होता है।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |