मात पिता को पानी ना पूछें, भंडारे करवाते हैं, भाई का हक मार के बैठे, दानवीर कहलाते हैं, मात पिता को पानी ना पूछें, भंडारे करवाते हैं, भाई का हक मार के बैठे, दानवीर कहलाते हैं।
छोटे भाई का हक मारा, बहन से भी अन्याय किया, अपनी सुख सुविधा का लेकिन, सबसे बड़ा उपाय किया, भाई ही भाई का दुश्मन, कैसे यहां बन जाते हैं, मात पिता को पानी ना पूछें, भंडारे करवाते हैं।
जिसने जन्म दिया और पाला,
Chetawani Bhajan
उंगली पकड़ के चलाया है, छाया बनके चले साथ में, धूप से जिस ने बचाया है, आज वही मां बाप को अपने, कैसे आंख दिखाते हैं, मात पिता को पानी ना पूछें, भंडारे करवाते हैं।
रात रात भर जागी थी मां, जिस बेटे को सुलाने को, भूखी रही भले मां लेकिन,
दिया लाल को खाने को, अपनी मां को, साथ में रखने में भी, वो शरमाते हैं, मात पिता को पानी ना पूछें, भंडारे करवाते हैं।
सपनें देखें थे जो पिता ने, सपने सारे टूट गये, ब्याह कराते ही बेटे का, सारे रिश्ते टूट गये, बेटा अलग मां बाप अलग, ये कैसे रिश्ते नाते हैं, मात पिता को पानी ना पूछें, भंडारे करवाते हैं।