मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री

मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री

 
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री

माँ तू मेरा कहण पुगादे री,
माँ तू मेरा कहण पुगादे री,
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री,
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री।

नीलकंठ पे जाके नै,
मैं जल चढ़ाऊंगा,
भोल के दर्शन करके,
मैं खुश हो जाऊंगा,
म्हारा दोनुआ का,
मेल तू करादे री,
मेरे भोले खातर,
चूरमा बना दे री।

भोले के दर पे जाके,
मैं शीश झुकाऊंगा,
देशी घी के चूरमे का,
मैं भोग लगाऊंगा,
भोला बिगड़ी बात नै,
बणा दे री,
मेरे भोले खातर,
चूरमा बना दे री।

कहण तै पहले भोला,
मेरे काम बणावेगा,
माँ जाके नै हर साल,
मन्नू कावड़ लयावेगा,
इब चूरमे का थाल,
सजादे री,
मेरे भोले खातर,
चूरमा बना दे री।

माँ तू मेरा कहण पुगादे री,
माँ तू मेरा कहण पुगादे री,
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री,
मेरे भोले खातर चूरमा बना दे री।

भोले का चूरमा Bhole Ka Churma । Raju Punjabi, VR Bros. Shiv Bhajan | maha shivratri 2020

महाशिवरात्रि का पर्व शिव और शक्ति के पवित्र मिलन का प्रतीक है, जो आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह रात न केवल भक्ति और तपस्या का अवसर है, बल्कि एक ऐसी घड़ी है जब आध्यात्मिक शक्तियाँ विशेष रूप से प्रबल होती हैं। इस दिन की पूजा और ज्योतिषीय उपायों का विशेष महत्व है, क्योंकि यह माना जाता है कि ये उपाय भक्तों के जीवन से कष्टों और बाधाओं को दूर करने में सहायक होते हैं। शिव और पार्वती की पूजा शुभ काल में करने से भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। यह पर्व भक्तों को अपने भीतर की नकारात्मकता को त्यागकर आत्मिक शुद्धता की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है, ताकि वे प्रभु शिव की कृपा से अपने जीवन को सार्थक बना सकें।

SINGER: Raju Punjabi
RAP/Ft: 
MUSIC: VR Bros.
LYRICS/Writer: Raju Punjabi
CAMERA/D.O.P: 
Producer: Realtime Production (Mukesh Kumar)
Parent Label: Realtime Production 

भगवान शिव स्वभाव से अत्यंत सरल, सीधे और मासूम हैं। 'भोला' शब्द का अर्थ ही होता है 'निष्कपट' या 'मासूम'। वे अपने भक्तों से बड़े-बड़े अनुष्ठान या महंगे चढ़ावे नहीं माँगते; एक लोटा जल या बेलपत्र से भी वे तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी यही सरलता और दयालुता उन्हें अन्य देवताओं से अलग करती है। वे बिना किसी भेदभाव के अपने भक्तों को आसानी से वरदान दे देते हैं, यहाँ तक कि कई बार असुरों को भी, जिसके कारण कई बार समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। उनका यह स्वभाव उनकी असीम उदारता और अहंकार से परे होने का प्रतीक है। यही कारण है कि उन्हें भोलेनाथ यानी 'भोले-भाले देवों के देव' के रूप में पूजा जाता है। 

यह भजन भी देखिये
Next Post Previous Post