सतगुरु मेरे दाता, बिगड़ी संवार दे, डूबी है नैया मेरी, सागर से तार दे, सतगुरु मेरे दाता, बिगड़ी संवार दे, डूबी है नैया मेरी, सागर से तार दे।
जन्मों से दुख पाया, माया में रच कर, भगती तेरी को भूला, विषयों में फस कर, कृपा से अपनी, सब दुखड़े निवार दे, सतगुरु मेरे दाता, बिगड़ी संवार दे, डूबी है नैया मेरी, सागर से तार दे।
अज्ञानी जीव हूं मैं, कुछ भी ना जानूं, अपनी ना लाभ हानि, बिलकुल ना जानूं, नेकी बदी का प्रभु, मुझको विचार दे, सतगुरु मेरे दाता, बिगड़ी संवार दे, डूबी है नैया मेरी, सागर से तार दे।
दुनिया की चतुराई, थोथी है सारी, मान बढाई दौलत, मुझको ना प्यारी, चाहा यही है अपने, चरणों का प्यार दे, सतगुरु मेरे दाता, बिगड़ी संवार दे, डूबी है नैया मेरी, सागर से तार दे।
तन मन मेरे, तेरे प्रेम में रंग जाये, उतरे कभी ना दिल से, ये बस उमंग जाये दास को भक्ति का, ऐसा खुमार दे, सतगुरु मेरे दाता, बिगड़ी संवार दे, डूबी है नैया मेरी, सागर से तार दे।