शिव जी के दिव्य मंत्र लिरिक्स Shiv Divya Mantra Meaning

शिव जी के दिव्य मंत्र लिरिक्स Shiv Divya Mantra Meaning

1. ॐ नमः शिवाय।

2. ॐ यम्बकं यजामहे,
सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान,
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।

3. कर्पूरगौरं करुणावतारं,
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्,
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे,
भबं भवानीसहितं नमामि।

4. ॐ ह्री हो नमः शिवाय।
5. ॐ पार्वतीपतये नमः।

शिव जी के दिव्य मंत्र मीनिंग Shiv Divya Mantra Meaning

ॐ नमः शिवाय

"ॐ नमः शिवाय" यह एक प्रसिद्ध संस्कृत मंत्र है जो शिव को समर्पित है। इस मंत्र का अर्थ होता है "हे शिव, आपको नमस्कार करता हूँ"। यह मंत्र भगवान शिव की उपासना और भक्ति का प्रतीक है और शिव की कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करता है। "ॐ नमः शिवाय" एक प्राचीन और पवित्र मंत्र है जो शिव के भक्तों द्वारा ध्यान, धारणा, जप और पूजा के दौरान उच्चारित किया जाता है। यह मंत्र शिव की आराधना, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक उन्नति को प्रोत्साहित करता है। 
ॐ यम्बकं यजामहे,
सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान,
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।

त्रयंबकम- जो त्रिनेत्र, तीन नेत्र वाला है.
यजामहे- हम सभी उसकी पूजा अर्चना करते हैं।
सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित, जीवन को सुगन्धित करने वाला।
पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति, जीवन की परिपूर्णता
वर्धनम- जो जीवन का पोषण करता है।
उर्वारुक- ककड़ी की भाँती।
इवत्र- की तरह।
बंधनात्र-जो लम्बी है।
मृत्यु- मृत्यु से
मुक्षिया : हमें मुक्ति दे।
अमृतात- अमरता, मोक्ष प्रदान करे।
"त्रयंबकम" भगवान शिव के एक नाम है जिसका अर्थ होता है "तीन नेत्रों वाला"। इस मंत्र के माध्यम से हम भगवान शिव को पूजा करते हैं और उनकी कृपा, परिपूर्णता और मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। 

कर्पूरगौरं करुणावतारं,
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्,
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे,
भबं भवानीसहितं नमामि।

कर्पूरगौरं:
अर्थ है की कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले ।
करुणावतारं: अर्थ है की जो करुणा के साक्षात् अवतार हैं ।
संसारसारं: अर्थ है की जो समस्त सृष्टि के जो सार हैं ।
भुजगेंद्रहारम्: अर्थ है की जो गले में भुजगेंद्र अर्थात् सर्पों की माला धारण करते हैं।
सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- अर्थ है की जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, मेरा शिव को नमन है ।
ओम ह्रीं नमः
ओम ह्रीं नमः शिवाय अत्यंत ही पावन प्राचीन संस्कृत मंत्र है, जिसे शिव और शक्ति दोनों की भावना का एक साथ आह्वान किया गया है।
सुप्रसिद्ध मंत्र ओम नमः शिवाय के समान , यह मंत्र भगवान शिव के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है, जो भीतर परमात्मा का सम्मान करने का प्रतीक है। हालाँकि, देवी ऊर्जा के बीज या 'बीज' मंत्र, ह्रीं को शामिल करके , ओम ह्रीं नमः शिवाय भी पवित्र देवी ऊर्जा का सम्मान करते हैं।

ॐ पार्वतीपतये नमः
इस मंत्र का जाप करने से हम माता पार्वती के स्वामी भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, यह मंत्र विवाह से सम्बंधित समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
 



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