तू राजा की राज दुलारी मैं सिर्फ लंगोटे

तू राजा की राज दुलारी मैं सिर्फ लंगोटे आला सूं

तू राजा की राज दुलारी,
में सर्फ लगोटे आला सूं,
भांग रगड के पिआ करूँ,
मैं कुण्डी सौटै आला सूं।

मैं अवधुत दर्शीनी बाबा,
राग देख के डर जागी,
सौ सौ नाग रहे गल में,
तू नाग देख के डर जागी,
मैं राख घोल के पिआ करू,
मेरा भाग देख के डर जागी,
धरती उपर सोया करु,
मेरी सहत देख के डर जागी,
एक कमण्डल एक कटोरा,
मैं फुटे लोटे आला सु,
भांग रगड के पिआ करूँ,
मैं कुण्डी सौटै आला सूं।

तेरे सौ सौ दासी दास रहे,
मेरे एक भी दासी दास नहीं,
महला आला सुख चाहिए,
अंडे संतरज चौपड तास नहीं,
तू बागा की कोयल से,
अडे बर्फ पडे हरि घास नहीं,
साल दुसाले मांगेगी,
मेरे कम्बल तक भी पास नहीं,
तू साहुकार गुजारे आली,
मैं बिल्कुल टोटे आला सु,
भांग रगड के पिआ करूँ,
मैं कुण्डी सौटै आला सूं।

तू पालकियां में सैर करे,
मैं पैदल सवारी करया करूँ,
तू महलो मे रहने वाली,
मैं बिन घरबारी रहया करूँ,
पर्वत उपर लगा समाधी,
मैं अटल अटारी रहया करूँ,
तैने बढ़िया भोजन मिले खान ने,
मैं पेट पुजारी रहया करूँ,
तैने बदडा चाहिए जुल्फ बाल,
मैं लम्बे चौटे आला सूं,
भांग रगड के पिआ करूँ,
मैं कुण्डी सौटै आला सूं।

मैं कहरा सु पार्वती तैने,
बह्या करवाना ठीक नहीं,
मेरे संग मे बच्चों आला,
खेल खिलाना ठीक नहीं,
में भांग रगड के पिआ करू,
मैने तैल पिलाना ठीक नहीं,
मेरी जटा मे गंग बहे,
मैने मोड बधाना ठीक नहीं,
माघेराम बोझ मरजागी,
मैं जबर भरोटे आला सु,
भांग रगड के पिआ करूँ,
मैं कुण्डी सौटै आला सूं।
तू राजा की राज दुलारी,
में सर्फ लगोटे आला सूं,
भांग रगड के पिआ करूँ,
मैं कुण्डी सौटै आला सूं।




तू राजा की राज दुलारी मैं सिर्फ लंगोटे आला सूं ||Tu Raja Ki Raj Dulari|| NARENDER BHENSWALIYA ||
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