रुणिचा जावा री मारे मन में जची

रुणिचा जावा री मारे मन में जची

रुणिचा जावा री, मारे मन में जची।
मारो रामापीर हेला पाड़े रे,
म्हारो बाबा हैलो पाड़े।।

बाबा थारी कृपा रेवड़ा दे,
मने भी सेवा करवा दे।
रुणिचा रा हो राजवी,
पैदल पैदल बुलवा दे।।

लीलो घोड़ो नवलखीयो रे,
बाबा भल हल भालो सोवे।
धोरा धरती जन्म लियो थे,
धोली ध्वजा फहरावे।।

बाबा पैदल-पैदल थारे आऊं,
थारां ही में दर्शन पाऊं।
जात जडूला थारे चढ़ाऊं,
जोड़ा सूं में धोक लगाऊं।।

गांव-गांव भंडारा लागे,
भगत सगला नाचे।
ढोल नगाड़ा बाजे,
नौबत जोता जगमग जागे।।

नित उठ बाबा करू सेवना,
थारा ही गुण गांऊं में।
थारे चरण में करन प्रजापत,
अपणो शीश नवावे।।


रुणिचे जावा री मारे मन में जची |Runiche java ri maare man me jachi | बाबा रामदेवजी न्यू भजन 2025

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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