चलो मन जायें घर अपने भजन
चलो मन जायें घर अपने भजन
चलो मन जायें घर अपने,इस परदेस में ओ परदेस में,
क्यों परदेसी रहें ये,
चलो मन जायें घर अपने।
आँख जो भाये वो कोरा सपना,
आँख जो भाये वो कोरा सपना,
सारे पराये हैं कोई ना अपना,
ऐसे झूटे प्रेम में पड़ ना,
भूल में काहे जियें,
चलो मन जायें घर अपने।
सच्चे प्रेम की ज्योत जला के,
सच्चे प्रेम की ज्योत जला के,
मन सुन मेरे कान लगा के,
पाप और पुण्य की,
गठरी उठा के अपनी राह चलें,
चलो मन जायें घर अपने।
चलो मन जायें घर अपने,
इस परदेस में ओ परदेस में,
क्यों परदेसी रहें ये,
चलो मन जायें घर अपने।
क्यों परदेसी रहें ये,
चलो मन जायें घर अपने।
आँख जो भाये वो कोरा सपना,
आँख जो भाये वो कोरा सपना,
सारे पराये हैं कोई ना अपना,
ऐसे झूटे प्रेम में पड़ ना,
भूल में काहे जियें,
चलो मन जायें घर अपने।
सच्चे प्रेम की ज्योत जला के,
सच्चे प्रेम की ज्योत जला के,
मन सुन मेरे कान लगा के,
पाप और पुण्य की,
गठरी उठा के अपनी राह चलें,
चलो मन जायें घर अपने।
चलो मन जायें घर अपने,
इस परदेस में ओ परदेस में,
क्यों परदेसी रहें ये,
चलो मन जायें घर अपने।
चलो मन जायें घर अपने, दूसरी मुलाकात श्री रामकृष्ण से - Chalo Mann Jayen Ghar Apne - Hindi Song