धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया

धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया

धीरे धीरे बांसुरी,
बजा जा रे कन्हैया,
मैं ग्वालन बरसाने की,
अरे मैं ग्वालन बरसाने की,
धीरे धीरे बांसुरी,
बजा जा रे कन्हैया।

सिर पर घड़ा घड़ी पर गगरी,
सूरत लगाली पनघट की रे भला,
सूरत लगाली पनघट की,
धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया।

घड़ा उतार पार पर रख दिया,
सूरत लगाली खीचन की रे भला,
सूरत लगाली खीचन की,
धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया।

घड़ा उठाय शीश पर रख लिया,
सूरत लगा ली महलन की रे भला,
सूरत लगा ली महलन की,
धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया।

रस्ते में मिल गये कन्हैया,
हवा जो खालो मधुबन की रे भला,
हवा जो खा लो मधुबन की,
धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया।

घुंघट के पट ना खोलो कान्हा,
लाज जाये मेरे दो कुल की रे भला,
लाज जाये मेरे दो कुल की,
धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया।

पहली लाज मेरी माई रे बाप की,
दुजी लाज ससुराल घर की रे भला,
दुजी लाज ससुराल घर की,
धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया।

तोहै तो लाज अपने मोर मुकुट की,
हमें लाज घूंघट पट की रे भला,
हमें लाज घूंघट पट की,
धीरे धीरे बांसुरी बजा जा रे कन्हैया।
 



धीरे-धीरे बाँसुरी बजाजा रे कन्हैया DHEERE DHEERE BASURI BAJAJA RE KANHAIYA #SUMANSHARMA #SS

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