राम कहो राम कहो राम कहो बावरे
राम कहो राम कहो,
राम कहो बावरे।
अवसर न चूक भोंदू,
पायो भला दाँवरे।
जिन तोकों तन दीन्हों,
ताकौ न भजन कीन्हों।
जनम सिरानो जात,
लोहे कैसो ताव रे।
रामजीको गाय,
गाय रामजीको रिझाव रे।
रामजीके चरन कमल,
चित्तमाहिं लाव रे।
कहत मलूकदास,
छोड़ दे तैं झूठी आस।
आनँद मगन होइके,
हरिगुन गाव रे
राम कहो बावरे।
अवसर न चूक भोंदू,
पायो भला दाँवरे।
जिन तोकों तन दीन्हों,
ताकौ न भजन कीन्हों।
जनम सिरानो जात,
लोहे कैसो ताव रे।
रामजीको गाय,
गाय रामजीको रिझाव रे।
रामजीके चरन कमल,
चित्तमाहिं लाव रे।
कहत मलूकदास,
छोड़ दे तैं झूठी आस।
आनँद मगन होइके,
हरिगुन गाव रे
राम कहो राम कहो राम कहो बावरे !! अवसर न चूक भोंदू !!
विगत ३० वर्षो से श्री ठाकुर दास बाबा जी महाराज एवं श्री पंडित बाबा श्री गया प्रसाद जी महाराज एवं पूजनीय दादा गुरुदेव श्री श्री गणेश दास भक्तमाली जी महाराज के तत्वाधान में प्रारम्भ की गयी इस गोशाला में आज पूज्यनीय श्री श्री राजेंद्र दास जी महाराज के सानिध्य में करीब 1100 गोवंश की सेवा हो रही है !!
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