चंदन वाले थोड़ा चंदन दे दो
चंदन वाले थोड़ा चंदन दे दो इत्र वाले थोड़ा इत्र दे दो
चंदन वाले, थोड़ा चंदन दे दो,
इत्र वाले, थोड़ा इत्र दे दो,
मुझे श्याम को लगाना है,
मुझे श्याम को सजाना है।
जो दुनिया सजाते हैं,
मुझे उनको सजाना है,
मुझे श्याम को सजाना है।
मुरली वाले, एक मुरली दे दो,
मुकुट वाले, मुकुट दे दो,
मुझे श्याम को सजाना है।
माखन वाले, मुझे माखन दे दो,
मिसरी वाले, मुझे मिसरी दे दो,
मुझे उन्हें भोग लगाना है,
मुझे श्याम को सजाना है।
इत्र वाले, थोड़ा इत्र दे दो,
मुझे श्याम को लगाना है,
मुझे श्याम को सजाना है।
जो दुनिया सजाते हैं,
मुझे उनको सजाना है,
मुझे श्याम को सजाना है।
मुरली वाले, एक मुरली दे दो,
मुकुट वाले, मुकुट दे दो,
मुझे श्याम को सजाना है।
माखन वाले, मुझे माखन दे दो,
मिसरी वाले, मुझे मिसरी दे दो,
मुझे उन्हें भोग लगाना है,
मुझे श्याम को सजाना है।
Vijay Soni श्याम भजन - चन्दन चौक पुरवा | आओ ना बाबा जी म्हारे आंगणे | Chandan Chowk Purava
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श्याम के प्रति यह प्रेममयी भक्ति मन को उनके रंग में रंग देती है। जैसे चंदन और इत्र से कोई प्रिय को सजाता है, वैसे ही भक्त अपने श्याम को श्रृंगार और भोग से सजा कर उनका आनंद लेना चाहता है। मुरली, मुकुट, माखन और मिश्री—ये सब उनकी लीलाओं के प्रतीक हैं, जिन्हें अर्पित कर भक्त अपने हृदय को उनके चरणों में रख देता है। यह भाव सिखाता है कि जो दुनिया को सजाता है, उसे सजाने में ही सच्चा सुख है। श्याम को सजाना केवल बाहरी श्रृंगार नहीं, बल्कि मन की शुद्धता और प्रेम का समर्पण है। यह भक्ति का रस है, जो भक्त को हर पल श्याम की सेवा और उनके प्रेम में डुबो देता है।
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Author - Saroj Jangir
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