सामान सौ बरस का पल की खबर नहीं है लिरिक्स Saman Sou Baras Ka Bhajan Bhajan
सामान सौ बरस का,
पल की खबर नहीं है,
सामान सौ बरस का,
पल की खबर नहीं है,
आया है तू जहां से,
जाना तुझे वहीं है,
सामान सौ बरस का,
पल की खबर नहीं है।
ये भी मेरा वो भी मेरा,
मेरा मेरा करता तू,
मेरा मेरा करता तू,
छीन छीन कर दुनिया का धन,
अपनी तिजोरी भरता तू,
अपनी तिजोरी भरता तू,
जाना यहां से खाली,
कफ़न की जेब नहीं है,
सामान सौ बरस का,
पल की खबर नहीं है।
औरों का हक भी रखता तू,
ये तो पच ना पाये,
ये तो पच ना पाये,
दिन भर करता पाप कमाई,
रात को नींद न आये,
रात को नींद न आये,
ऊपर है तेरा खाता,
सारा हिसाब वही है,
सामान सौ बरस का,
पल की खबर नहीं है।
बचपन बीता गई जवानी,
अब है बुढ़ापे की बारी,
अब है बुढ़ापे की बारी,
फिर भी तेरी उलट फेर की,
छूटे ना दुनियादारी,
छूटे ना दुनियादारी,
दो मुट्ठी राख होगी,
और शमशान यहीं है,
सामान सौ बरस का,
पल की खबर नहीं है।
सामान सौ बरस का पल की खबर नहीं है Samaan Sau Baras Ka | Nirgun Bhajan | Bhakti Song | Bhajan Songs
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सामान सौ बरस का पल की खबर नहीं है Samaan Sau Baras Ka Pal Ki Khabar Nahin Hai | Nirgun Bhajan
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Author - Saroj Jangir
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