साखी - ऐजी सतयुग त्रेता द्वापर, और यह कलयुग अनुमान, अरे सार शबद एक साच है, और झुठ सब ज्ञान॥
टेक :- चेत रे गुमानी फिर ये जनम ना मिलेगा माया संग ना चले काया संग ना चले... चरण 1.:-अरे दस ओर सोलह गया खेल में बिस तीस रहा माया कि जेल,
चालीस साल तीरीया कि सेज पे, पचपन में नाड हिले रे । माया संग ना चल..
टेक:- चेत रे गुमानी फिर ये जनम ना मिलेगा माया संग ना चले काया संग ना चले... चरण 2 :- अरे काले गये सफेदी आई, तन की खाल सुकड सब जाई, बन्दर जेसा मुह हो जाये तेरा,
New Bhajan 2023
डग मग नाड हिले रे माया संग ना चले.....
टेक :- चेत रे गुमानी फिर ये जनम ना मिलेगा
माया संग ना चले काया संग ना चले... चरण 3 :- अरे तु कहता है मेरी मेरी ये माया तेरी ना मेरी, धन दोलत थारो यही रह जावे अग्नि के साथ जलेगा माया संग ना चले....
टेक :- चेत रे गुमानी फिर ये जनम ना मिलेगा माया संग ना चले काया संग ना चले... चरण 4.:- भजन करेगा तो सुख पावेगा, धन दौलत थारी काम नी आवे, धन दौलत सब यही रह जावे कहत कबीर
विचारी रामा संग ना चले ।
टेक :- चेत रे गुमानी फिर ये जनम ना मिलेगा माया संग ना चले काया संग ना चले...
चेत रे गुमानी फिर यो जनम ना मिले | Chet re gumani | Geeta Parag | Kabir bhajan