जिस घर में मैया का सुमिरन होता भजन

जिस घर में मैया का सुमिरन होता

जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता,
माँ का पावन नाम बड़ा,
मन भावन होता,
जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।

जिसको माँ की दया मिले,
उसकी तो चांदी चांदी है,
अपने भक्त के घर में माँ ने,
सुख की झड़ी लगा दी है,
ख़ुशियों से भर पूर,
आंगन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।

जोत नूरानी मैया की,
सारे ही कष्ट मिटाती है,
ममता की शीतल छैया में,
मन बगिया खिल जाती है,
मोर बनके नाच रहा,
तन मन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।

सारे जग को पालती ये,
अम्बे मात भवानी है,
आठों पहर चरण सेवा में,
रहता ये चोखानी है,
बड़ भागी वो,
जिसे दर्शन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।

जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता,
माँ का पावन नाम बड़ा,
मन भावन होता,
जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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