ऋषिया मुनिया नूं वी कर्म दा फल भजन

ऋषिया मुनिया नूं वी कर्म दा फल भजन

ऋषिया मुनिया नु वी,करमा डा फल पौना पेंदा ऐ,
एह फल पौना पेंदा ऐ, एह फल पौना पेंदा ऐ,
आखिर बदिया वाले बंदे नु वी,पछताना पेंदा ऐ,
ऋषिया मुनिया ..........

बंदिया ना कर मेरी मेरी,ना एहे तेरी ना एहे मेरी,
एहे जीवन खाक दी ढेरी,टा एहे फल पौना पेंदा ऐ
ऋषिया मुनिया ............


सरवन पानी लेन नु जावे,होनी मगरो मगरी आवे,
दरखत पिछो तीर चलावे,सरवन नु मार मुकावे,
सरवन ओथे ही मूक जावे,ता एहे फलपौना पेंदा ऐ,
ऋषिया मुनिया .............

लूना अपना धरम गवावे,अपने पुत्र नु यार बनावे,
पूरण दा कतल करवा के,उसदे हाथ पैर वडवा के
ओहनू खु दे विच सूटवा के,ता एहे फल पौना पेंदा ऐ,
ऋषिया मुनिया ..........

देखो बाबे दिया बे प्र्वाहिया,गौं बारा साल चारैया,
गौआं ने खेत उजाड़े,उजड़े खेत बाबे ने वसाए,
माँ रत्नों ने मेहने मारे,ता एहे फल पौना पेंदा ऐ
ऋषिया मुनिया ............



Jesa Beeje Ga Wadhe Ga Mna Merya Phal Tere Karma Da | Bhai Parampreet Singh Ji Khalsa

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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