प्रसाणे मे जोत जगाय गयो अखारामजी
प्रसाणे मे जोत जगाय गयो अखारामजी
प्रसाणे में जोत जगाय गयो,
दादो धोली ध्वजा फराय गयो,
दादो अखाराम अवतारी,
धारयो पंचरंग पेचा धारी,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
हरजी रामजी पुण्य कमायो,
आने पुत्र रूप में पायो,
सुखिया बाई लाड़ लड़ायो,
मायड़ बन दूध पिलायो,
भादवा री पांचू ने आय गयो,
चानणियो सूं चमकाय गयो,
जीवू बाई आरती गावे,
हरजी रामजी चंवर ढुलावे,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
दादो पेलोड़ वंश कुवायो,
प्रसाणो नगर बसायो,
कोई ऊंचो नाहीं नीचो,
सब भेदभाव ने मिटायो,
हरजी को लाल कुवाय गयो,
जीवू बाई रो मान बढ़ाय गयो,
जय संत शिरोमणि दाता,
जय जीवू बाई के भराता,
कलयुग में दादो प्रसाणो पूजवाय गयो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
बिछ्योड़ा मीत मिलाव,
दादो मन आस पुराव,
भक्तां री लाज बचाव,
जो ध्यावे परचो पाव,
रामावतार तेरा गुण गाय गयो,
दादा रे सरण आय गयो,
थारो कानू भजन बनाव,
चरणा में चंवर ढुलाव,
सरणे आयोडा भक्तां रो उद्धार कियो,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
प्रसाणे में जोत जगाय गयो,
दादो धोली ध्वजा फराय गयो,
दादो अखाराम अवतारी,
धारयो पंचरंग पेचा धारी,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
दादो धोली ध्वजा फराय गयो,
दादो अखाराम अवतारी,
धारयो पंचरंग पेचा धारी,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
हरजी रामजी पुण्य कमायो,
आने पुत्र रूप में पायो,
सुखिया बाई लाड़ लड़ायो,
मायड़ बन दूध पिलायो,
भादवा री पांचू ने आय गयो,
चानणियो सूं चमकाय गयो,
जीवू बाई आरती गावे,
हरजी रामजी चंवर ढुलावे,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
दादो पेलोड़ वंश कुवायो,
प्रसाणो नगर बसायो,
कोई ऊंचो नाहीं नीचो,
सब भेदभाव ने मिटायो,
हरजी को लाल कुवाय गयो,
जीवू बाई रो मान बढ़ाय गयो,
जय संत शिरोमणि दाता,
जय जीवू बाई के भराता,
कलयुग में दादो प्रसाणो पूजवाय गयो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
बिछ्योड़ा मीत मिलाव,
दादो मन आस पुराव,
भक्तां री लाज बचाव,
जो ध्यावे परचो पाव,
रामावतार तेरा गुण गाय गयो,
दादा रे सरण आय गयो,
थारो कानू भजन बनाव,
चरणा में चंवर ढुलाव,
सरणे आयोडा भक्तां रो उद्धार कियो,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
प्रसाणे में जोत जगाय गयो,
दादो धोली ध्वजा फराय गयो,
दादो अखाराम अवतारी,
धारयो पंचरंग पेचा धारी,
भक्तां रे कारण प्रसाणे अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिंगार कियो।
भजन संध्या //दादाजी ज्योत//भोजासर
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Author - Saroj Jangir
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