झूला झूल रही जगदंबे झुलावे भोले भंडारी लिरिक्स Jhula Jhul Rahi Jagdambe Lyrics
झूला झूल रही जगदंबे झुलावे भोले भंडारी लिरिक्स Jhula Jhul Rahi Jagdambe Lyrics
झुलावे भोले भंडारी,झुलावे भोले भंडारी,
झूला झूल रही जगदंबे,
झुलावे भोले भंडारी।
पार्वती बोली शंकर से,
या अर्जी म्हारी,
सावन की ऋतु आई,
सदाशिव छाई घटा काली,
सदाशिव छाई घटा काली,
झूला झूल रही जगदंबे,
झुलावे भोले भंडारी।
राधा के संग झूला झूले,
झूले बनवारी,
तुम तो नाथ कभी नहीं,
झूले भोले भंडारी,
सदाशिव भोले भंडारी,
झूला झूल रही जगदंबे,
झुलावे भोले भंडारी।
सर्पों की प्रभु डोर बढ़ाई,
कल्पवृक्ष डारी,
इस झूले पर झूले भवानी,
जाऊं बलिहारी,
सदाशिव जाऊं बलिहारी,
झूला झूल रही जगदंबे,
झुलावे भोले भंडारी।
सब सखियों की या अर्जी है,
सुनियो त्रिपुरारी,
सब सखियों की या अर्जी है,
सुनियो त्रिपुरारी,
नैया हमारी बीच भंवर मे,
पार करो म्हारी,
सदाशिव पार करो म्हारी,
झूला झूल रही जगदंबे,
झुलावे भोले भंडारी।
झूला झूल रही जगदंबे,
झुलावे भोले भंडारी,
झुलावे भोले भंडारी,
झुलावे भोले भंडारी,
झूला झूल रही जगदंबे,
झुलावे भोले भंडारी।
Add Comment
comment url