बिन पिये नशा हो जाता है
बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है।
जिसके अंदर मन भाव बड़ा,
वही उची अटारी की सीढी चढ़ा,
उसे गोपी बना लिया जाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है।
जो रस ना मिले महकाने मे,
मिलता है वो बरसाने मे,
फिर और कही ना जाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है।
बरसाना मेरा रंगीला है,
सब राधा नाम की लीला है,
भगवान भी चरण दबाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है।
बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है,
बिन पिये नशा हो जाता है,
जो राधे राधे गाता है।
बिन पिए नशा हो जाता है जो राधे राधे गाता है ज्वाला नगर दिल्ली बाँसुरी