कुटिल वचन सबसे बुरा जारि कर तन हार मीनिंग कबीर के दोहे

कुटिल वचन सबसे बुरा जारि करे सब छार मीनिंग Kutil Vachan Sabase Bura Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

कुटिल वचन सबसे बुरा, जारि करे सब छार।
साधु वचन जल रूप, बरसे अमृत धार॥
और
कुटिल वचन सबतें बुरा, जारि करै सब छार।
साधु वचन जल रूप है, बरसै अमृत धार।।

Kutil Vachan Sabase Bura, Jari Kare Sab Chhar,
Sadhu Vachan Jal Roop Barase Amrit Dhar.
 
कुटिल वचन सबसे बुरा जारि कर तन हार मीनिंग Kutil Vachan Sabase Bura Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

कुटिल वचन सबसे बुरा, जारि करे सब छार।
साधु वचन जल रूप, बरसे अमृत धार॥
कबीर साहेब की वाणी है की व्यक्ति को मृदु भाषा का उपयोग करना चाहिए और कटु वचन/वाणी से बचना चाहिए। कुटिल वचन से व्यक्ति आहत होता है जैसे की जल कर राख होना। साधु रूपी मीठे वचनों से व्यक्ति को ऐसे लगता है जैसे की अमृत की धार बह रही हो। इसलिए, हमें कटु वचनों से बचना चाहिए और हमेशा मीठे वचन बोलने चाहिए. साधू के वचन मृदु होते हैं और उनसे अमृत की धार बहती है जो सभी को शीतल करती है .

Crooked words are the worst, they pour out all the dust. Sadhus' words are like water, they pour out a stream of nectar. Kabir sahab says that one should use soft language and avoid harsh words/speech. A person gets hurt by crooked words, like being burnt to ashes. Sweet words of a sadhu make a person feel as if a stream of nectar is flowing. Therefore, we should avoid harsh words and always speak sweet words. Sadhus' words are soft and a stream of nectar flows from them which cools everyone.

 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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