कुटिल वचन सबसे बुरा जारि कर तन हार मीनिंग Kutil Vachan Sabase Bura Meaning

कुटिल वचन सबसे बुरा जारि करे सब छार मीनिंग Kutil Vachan Sabase Bura Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

कुटिल वचन सबसे बुरा, जारि करे सब छार।
साधु वचन जल रूप, बरसे अमृत धार॥
और
कुटिल वचन सबतें बुरा, जारि करै सब छार।
साधु वचन जल रूप है, बरसै अमृत धार।।

Kutil Vachan Sabase Bura, Jari Kare Sab Chhar,
Sadhu Vachan Jal Roop Barase Amrit Dhar.
 
कुटिल वचन सबसे बुरा जारि कर तन हार मीनिंग Kutil Vachan Sabase Bura Meaning

 

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

कटु वचन बहुत ही बुरे होते हैं. वे अग्नि की तरह से होते हैं जो जलाते हैं और लोगों को बहुत दुख पहुंचाते हैं. कटु वचनों का असर शरीर पर भी पड़ता है, वे जला कर राख कर देते हैं. वे मन को अशांत करते हैं. इसलिए, हमें कटु वचनों से बचना चाहिए और हमेशा मीठे वचन बोलने चाहिए. साधू के वचन मृदु होते हैं और उनसे अमृत की धार बहती है जो सभी को शीतल करती है .
 
कबीर दास जी ने इस दोहे में सन्देश दिया है कि कटु वचन बहुत बुरे होते हैं और वे इतने हानिकारक होते हैं की तन मन सभी को जला कर राख कर देते हैं. साधू और संतजन के बोल अत्यंत ही मधुर होते हैं और जब हम उनको सुनते हैं तो वे हमें अमृत की धार / जल जैसे लगते हैं।

यह दोहा हमें यह याद दिलाता है कि हमारे शब्दों का दूसरों पर बहुत प्रभाव पड़ता है. हम अपने शब्दों से दूसरों को खुश भी कर सकते हैं और दुखी भी कर सकते हैं. इसलिए हमें हमेशा मधुर वचन बोलने चाहिए और कटु वचनों से बचना चाहिए.

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