धीरे-धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय मीनिंग

धीरे-धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय मीनिंग

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय ॥

Dheere Dheere Re mana, Dheere Sab Kuch Hoy,
Mali Seenche Sou Ghada, Ritu Aaye Phal Hoy.
 
धीरे-धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय मीनिंग Dheere Dheere Re mana Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ/भावार्थ

कबीर साहेब धैर्य (धीरज) और लगन पर बल देते हुए कहते हैं की वह धैर्य को धारण करें, धीरे धीरे ही कोई बदलाव होता है। जैसे की माली सौ घड़े सींचता है, लेकिन ऋतू आने पर ही किसी वृक्ष में फल आते हैं। अतः यह समय पर आधारित है, माली को परिश्रम करना चाहिये लेकिन धीरज भी रखना चाहिए। ऐसे ही व्यक्ति को अपने जीवन में समय को समझ कर परिश्रम करना चाहिए और परिणाम की कामना को इश्वर पर छोड़ देना चाहिए। संत कबीर दास जी के इस दोहे का अर्थ है कि मनुष्य को धैर्य रखना चाहिए। किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। धीरे-धीरे और लगन से काम करने पर ही सफलता मिलती है। इस दोहे में कबीर दास जी ने एक उदाहरण दिया है कि माली किसी पेड़ को पानी देता है। यदि वह पेड़ को एक ही दिन में बहुत सारा पानी दे देगा, तो पेड़ की जड़ें जल जाएंगी और पेड़ सूख जाएगा। लेकिन यदि माली पेड़ को धीरे-धीरे और नियमित रूप से पानी देता है, तो पेड़ की जड़ें मजबूत हो जाएंगी और पेड़ में फल लगेंगे।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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