ओ मेरा शंकर त्रिपुरारी नीलकंठ है धाम तुम्हारा

ओ मेरा शंकर त्रिपुरारी नीलकंठ है धाम तुम्हारा

ओ मेरा शंकर त्रिपुरारी,
नीलकंठ है धाम तुम्हारा,
नंदी की सवारी।।

सावन के महीने में बाबा,
लागे मेला भारी,
तेरे दर्शन खातर देखो,
आए नर और नारी,
मेरा बाबा जटाधारी,
नीलकंठ है धाम तुम्हारा,
नंदी की सवारी।।

पंच धुनियों की करे तपस्या,
अंग भस्म रमावे,
बेलपत्र और भांग~धतूरा,
तू भी खुश हो जावे,
बाबा तू औघड़दानी,
नीलकंठ है धाम तुम्हारा,
नंदी की सवारी।।

विन्नी के भी मन में आई,
दर तेरे आवन की,
हरिद्वार से कांवड़ लाकर,
जल चढ़ावन की,
नीलकंठ है धाम तुम्हारा,
नंदी की सवारी।।

ओ मेरा शंकर त्रिपुरारी,
नीलकंठ है धाम तुम्हारा,
नंदी की सवारी।।


O Mera Shankar Tripuraari Sing By Vinod(Vinny)#BholeNathBhajan # ShankarBhajan #Kawad bhajan

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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