जरा फूल बिछादो गोकुल में मेरे कान्हा आने वाले हैं लिरिक्स Jara Phul Bichha Do Lyrics
जरा फूल बिछादो गोकुल में मेरे कान्हा आने वाले हैं लिरिक्स Jara Phul Bichha Do Lyrics
जरा फूल बिछादो गोकुल में,मेरे कान्हा आने वाले हैं,
जरा फूल बिछादो गोकुल में,
मेरे कान्हा आने वाले हैं।
कोई काजल की डिबिया ले आओ,
कोई काला धागा ले आओ,
कहीं नज़र ना लग जाए कान्हा को,
मेरे कान्हा आने वाले हैं,
जरा फूल बिछादो गोकुल में,
मेरे कान्हा आने वाले हैं।
कोई सोने का पालना ले आओ,
कोई मखमल की चादर ले आओ,
कोई झूला लगा दो आंगन में,
मेरे कान्हा आने वाले हैं,
जरा फूल बिछादो गोकुल में,
मेरे कान्हा आने वाले हैं।
कोई चांदी का लोटा ले आओ,
कोई चांदी की थाली ले आओ,
जरा चरण दुलाओ कान्हा के,
मेरे कान्हा आने वाले हैं,
जरा फूल बिछादो गोकुल में,
मेरे कान्हा आने वाले हैं।
फूल बिछादो गोकुल में, मेरे कान्हा आने वाले हैं
कृष्ण का गोकुल से गहरा संबंध है। वे बचपन में गोकुल में ही पले-बढ़े थे। उन्होंने गोकुल में ही अपनी बाल लीलाएं की थीं। गोकुलवासियों ने उन्हें बहुत प्यार और स्नेह दिया था।
श्री कृष्ण ने गोकुल में कई चमत्कारिक लीलाएं की थीं। उन्होंने कंस का वध किया था, जो गोकुलवासियों का अत्याचारी शासक था। उन्होंने गोकुल के लोगों को दुष्टों से बचाया था।
श्री कृष्ण गोकुलवासियों के लिए एक आदर्श थे। वे दयालु, उदार और न्यायप्रिय थे। उन्होंने गोकुलवासियों को हमेशा प्यार और सम्मान दिया था।
गोकुलवासियों के लिए भी श्री कृष्ण एक आदर्श थे। वे उन्हें हमेशा याद रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
श्री कृष्ण के गोकुल से संबंध को निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है:
जन्म: श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, लेकिन जन्म के समय ही उन्हें कंस से बचाने के लिए गोकुल में नंद और यशोदा के घर भेज दिया गया था।
बचपन: श्री कृष्ण ने अपना बचपन गोकुल में ही बिताया था। उन्होंने गोकुल में ही अपनी बाल लीलाएं की थीं।
लीलाएं: श्री कृष्ण ने गोकुल में कई चमत्कारिक लीलाएं की थीं। उन्होंने कंस का वध किया था, जो गोकुलवासियों का अत्याचारी शासक था। उन्होंने गोकुल के लोगों को दुष्टों से बचाया था।
प्रेम: गोकुलवासियों ने श्री कृष्ण को बहुत प्यार और स्नेह दिया था। वे उन्हें अपना भगवान मानते थे।
याद: श्री कृष्ण गोकुलवासियों के लिए एक आदर्श थे। वे उन्हें हमेशा याद रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
श्री कृष्ण ने गोकुल में कई चमत्कारिक लीलाएं की थीं। उन्होंने कंस का वध किया था, जो गोकुलवासियों का अत्याचारी शासक था। उन्होंने गोकुल के लोगों को दुष्टों से बचाया था।
श्री कृष्ण गोकुलवासियों के लिए एक आदर्श थे। वे दयालु, उदार और न्यायप्रिय थे। उन्होंने गोकुलवासियों को हमेशा प्यार और सम्मान दिया था।
गोकुलवासियों के लिए भी श्री कृष्ण एक आदर्श थे। वे उन्हें हमेशा याद रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
श्री कृष्ण के गोकुल से संबंध को निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है:
जन्म: श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, लेकिन जन्म के समय ही उन्हें कंस से बचाने के लिए गोकुल में नंद और यशोदा के घर भेज दिया गया था।
बचपन: श्री कृष्ण ने अपना बचपन गोकुल में ही बिताया था। उन्होंने गोकुल में ही अपनी बाल लीलाएं की थीं।
लीलाएं: श्री कृष्ण ने गोकुल में कई चमत्कारिक लीलाएं की थीं। उन्होंने कंस का वध किया था, जो गोकुलवासियों का अत्याचारी शासक था। उन्होंने गोकुल के लोगों को दुष्टों से बचाया था।
प्रेम: गोकुलवासियों ने श्री कृष्ण को बहुत प्यार और स्नेह दिया था। वे उन्हें अपना भगवान मानते थे।
याद: श्री कृष्ण गोकुलवासियों के लिए एक आदर्श थे। वे उन्हें हमेशा याद रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं।