माला फेरत जुग भया हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

माला फेरत जुग भया हिंदी मीनिंग Mala Pherat Jug Bhaya Meaning : Kabir Ke Dohe

माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।
कर का मनका डार दें, मन का मनका फेर॥
 
Or
 
माला फेरत जुग भया, गया न मन का फेर।
कर का मनका डारि कै, मन का मनका फेर
 
Mala Pherat Jug Bhaya, Phira Na Man Ka Pher,
Kar Ka Manka Dar De, Man Ka Manaka Pher. 

माला फेरत जुग भया हिंदी मीनिंग Mala Pherat Jug Bhaya Meaning


कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word Meaning

  1. माला : जप माला जिसमें मनकों (मोतीयों) की संख्या के आधार पर जप की संख्या निर्धारित की जाती है ।
  2. फेरत : मनको को अंगुठे से गिनना। एक चक्र (cycle) एक फेरा होता है ।
  3. जुग भया: बहुत अधिक समय से ।
  4. फिरा : फिर गया, तब्दील हो गया, बदलना, फिरना।
  5. न : नहीं।
  6. मन का : आत्मा का, चित्त का।
  7. फेर : दुःष्प्रवृत्ति का बदलना।
  8. कर का : हाथों का, हाथों का मनका।
  9. मनका : माला, माला के मनके।
  10. डार के : डाल दे, छोड़ दे।
  11. मन का मनका फेर : मन की प्रवृति को बदलो, इसमें सद्गुणों को स्थान दो।

माला फेरत जुग भया गया हिंदी मीनिंग / अर्थ भावार्थ Mala Pherat Jug Bhaya Hindi Meaning

(हिंदी अर्थ/भावार्थ)
कबीर साहेब की वाणी है की व्यक्ति हाथों में माला को पकड़ कर उसे फेरता रहता है और मन ही मन यह संतोष करता है की वह भक्ति कर रहा है. लेकिन यह वास्तविक भक्ति नहीं है. माला को फेरते हुए युगों बीत गए हैं लेकिन मन का भ्रम और शंशय दूर नहीं हुआ है. हाथों की माला को फेरते हुए तो युग बीत गए हैं, लेकिन मन का फेर नहीं हुआ है. मन का विश्लेष्ण नहीं हुआ है. अतः कबीर साहेब कहते हैं की हाथों की माला का त्याग कर दो, हृदय की/मन की माला को फिराओं. 
 
इस दोहे में कबीर साहेब ने मुख्य सन्देश दिया है की यदि इश्वर की भक्ति करनी है तो आडम्बर (माला फेरना) को त्याग दो और अपने मन का विश्लेष्ण करो और मन के विकारों को दूर करो। 

माला फेरत जुग भया गया न मन का फेर में रस कौनसा है ?

माला फेरत जुग भया गया दोहे में शांत रस है। 
 

माला फेरत जुग भया गया में कोनसा अलंकार है ?

इस दोहे में अनुप्रास अलंकार का उपयोग हुआ है क्योंकि इसमें ‘ म ‘ की आवृत्ति हो रही है। इसके अतिरिक्त इस दोहे में यमक अलंकार भी है। यमक अलंकार में शब्दों की आवृत्ति होती है और उनके अर्थ भिन्न होते हैं। इसका सटीक उदाहरण देने के लिए आपने पंक्तियों में दिए गए शब्दों का प्रयोग किया है।

यमक अलंकार एक शब्द को दो अर्थों में उपयोग करने का शास्त्रीय अलंकार है। इसमें व्याकरणिक या अर्थगत आवृत्ति के माध्यम से शब्दों की पुनरावृत्ति होती है और दो भिन्न अर्थों को व्यक्त करता है। यह एक भिन्न प्रकार का अलंकार है जो कविता और छंद में सुंदरता और रस को बढ़ाता है।
 

Kabir Doha Meaning in English

Kabir is expressing the idea that merely rotating a pearl necklace in one's hands for a long time does not bring peace to the mind nor does it lead to inner contentment. Kabir advises us to stop the futile act of rotating the necklace and instead focus on changing the pearls of our own mind. In other words, he suggests that real peace and happiness come from inner transformation, not from external actions or possessions. To find true peace and contentment, one should work on improving their thoughts, attitudes, and inner qualities. The metaphor of the pearl necklace signifies that the key to inner peace lies within ourselves, not in external objects or rituals.
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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