अबुध सुबुध सुत मातु पितु सबहिं करै प्रतिपाल हिंदी मीनिंग Abudh Subudh Sut Meaning : kabir ke Dohe
अबुध सुबुध सुत मातु पितु, सबहिं करै प्रतिपाल।
अपनी ओर निबाहिये, सिख सुत गहि निज चाल॥
Abudh Subudh Sut Matu Pitu, Sabahi Kare Pratipal,
Apni Aur Nibahiye, Sikh Sut Gahi Nij Chal
कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning / Arth
कबीर साहेब इस दोहे में सन्देश देते हैं की माता पिता, मुर्ख और बुद्धिमान/विवेकशील, सभी पुत्रों का प्रतिपाल करते हैं। पुत्र की भाँती शिष्य ही अपने गुरु की मर्यादा का पालन करते हैं। अतः इस दोहे का आशय है पुत्र ज्ञानी हो या अज्ञानी, अच्छा हो या बुरा जैसा भी हो, माता-पिता ही अपनी संतान का पालन पोषण करते हैं और इसी भाँती गुरु भी अपने शिष्य को पुत्र की भाँति अपनी मर्यादा में रहते हुए ज्ञान की सीख देता है।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |