अनमाँगा उत्तम कहा मध्यम माँगि जो लेय हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

अनमाँगा उत्तम कहा मध्यम माँगि जो लेय हिंदी मीनिंग Anmanga Uttam Kaha Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

अनमाँगा उत्तम कहा, मध्यम माँगि जो लेय |
कहैं कबीर निकृष्टि सो, पर धर धरना देय ||

Anmanga Uttam Kaha, Madhyam Mangi Jo Ley,
Kahe Kabir Nikrishti So, Pr Dhar Dharana Dey.
 
अनमाँगा उत्तम कहा मध्यम माँगि जो लेय हिंदी मीनिंग Anmanga Uttam Kaha Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

मांगने के सम्बन्ध में कबीर साहेब के विचार हैं की बिना मांगे यदि कुछ मिल जाए तो वह उत्तम होता है और मांग कर जो लिया जाता है वह मध्यम दर्जे का होता है। लेकिन हठपूर्वक किसी से कुछ माँगना निकृष्ट होता है। आशय है की जिद करके, हठ करके किसी से कुछ भी माँगना नहीं चाहिए। कबीर दास जी की ये पंक्तियाँ हमें दान लेने के बारे में शिक्षा देती हैं। इन पंक्तियों में, कबीर दास जी कहते हैं कि बिना माँगे मिला हुआ दान उत्तम होता है, माँगकर लिया गया दान मध्यम होता है, और पराए घर में धरना देकर माँगना तो निम्नतम और पापपूर्ण होता है। अतः सहज ही किसी से यदि कुछ मिल जाए तो ठीक है लेकिन किसी से आशा नहीं रखनी चाहिए.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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