कबीर गाफिल क्यों फिरै क्या सोता घनघोर मीनिंग
कबीर गाफिल क्यों फिरै क्या सोता घनघोर |
तेरे सिराने जम खड़ा, ज्यूँ अँधियारे चोर ||
Kabir Gafil Kyo Phire, Kya Sota Ghanghor,
Tere Sirane Jan Kahada, Jyo Andhiyare Chor.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब जीवन की अनिश्चता के संबंधता में विचार देते हैं की तुम गाफिल क्यों हो, क्यों सो रहे हो बिना किसी चिंता के। तेरे सरहाने पर यम/काल खड़ा है जैसे की कोई चोर अँधेरे में खड़ा हो। आशय है की काल कभी भी तुम्हे अपने साथ लेकर जा सकता है लेकिन तुम क्यों बेपरवाह हो ? जागो और इश्वर की भक्ति में लीन रहो, नित्य हरी के नाम का सुमिरन करो। इस दोहे में कबीर साहेब मनुष्य को सांसारिक मोह-माया से दूर रहने और ईश्वर की भक्ति में ध्यान लगाने का सन्देश दे रहे हैं।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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