बाबा श्याम के दरबार में मची है होली लिरिक्स
बाबा श्याम के दरबार में मची है होली लिरिक्स Baba Shyam Ke Darbar
बाबा श्याम के दरबार में,मची है होली,
बाबा श्याम के,
नंदलाल के दरबार मची है,
होली नंदलाल के।
के मन लाल गुलाल उड़त है,
के मन केसर कस्तूरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
सो मन लाल गुलाल उड़त है,
दश मन केसर कस्तूरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
कितने बरस के कुवर कन्हैया,
कितने बरस की है राधा गोरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
आठ बरस को कुवर कन्हैया,
सौलह बरस की है राधा गोरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
कुण्या जी के हाथ में है,
रंग को कटोरे रे,
कुण्या जी के हाथ में है,
पिचकारी रे,
बाबा श्याम के।
कानूड़ा रे हाथ में है,
रंग को कटोरे रे,
राधा जी के हाथ में है,
पिचकारी रे,
बाबा श्याम के।
बाबा श्याम के,
नंदलाल के दरबार मची है,
होली नंदलाल के।
के मन लाल गुलाल उड़त है,
के मन केसर कस्तूरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
सो मन लाल गुलाल उड़त है,
दश मन केसर कस्तूरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
कितने बरस के कुवर कन्हैया,
कितने बरस की है राधा गोरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
आठ बरस को कुवर कन्हैया,
सौलह बरस की है राधा गोरी,
बाबा श्याम के,
बाबा श्याम के दरबार में,
मची है होली,
बाबा श्याम के।
कुण्या जी के हाथ में है,
रंग को कटोरे रे,
कुण्या जी के हाथ में है,
पिचकारी रे,
बाबा श्याम के।
कानूड़ा रे हाथ में है,
रंग को कटोरे रे,
राधा जी के हाथ में है,
पिचकारी रे,
बाबा श्याम के।
Baba Shyam Ke Darbar Me Machi Re Holi