बेटा जाए क्या हुआ कहा बजावै थाल हिंदी मीनिंग
बेटा जाए क्या हुआ, कहा बजावै थाल।
आवन जावन ह्वै रहा, ज्यौं कीड़ी का नाल॥
Beta Jaye Kya Hua, Kaha Bajave Thal,
Avan Javan Vhe Raha, Jyo Kidi Ka Nal.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग अर्थ/भावार्थ
जन्म मरण का चक्र चलता रहता है। बेटा हो या बेटी सब सामान्य बात है। लेकिन लोग बेटे की चाहत में विशेष ख़ुशी दर्शाते हैं और थाल / थाली बजाते हैं। कबीर साहेब कहते हैं की थाली बजाना व्यर्थ ही है। आना जाना लगा रहता है जैसे की कीड़ी की नाळ होती है जो एक कतार की तरह से होती है। अतः जन्म और मरन को कबीर साहेब खारिज करते हैं और वे सन्देश देते हैं की जन्म के महत्त्व को समझो, हरी के नाम का नित्य ही सुमिरन हृदय से करो यही तुमको जन्म लेने और पुनः मर जाने से मुक्त कर सकती है। इस दोहे में कबीरदास जी संसार के जन्म-मृत्यु के चक्र को व्यंग्यात्मक रूप से व्यक्त करते हैं।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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