बिरह जिलानी मैं जलौं हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

बिरह जिलानी मैं जलौं हिंदी मीनिंग Birah Jilani Main Jalo Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth, Bhavarth Sahit

बिरह जिलानी मैं जलौं, जलती जलहर जाऊँ।
मो देख्याँ जलहर जलै, संतौ कहा बुझाऊँ॥ 

Birah Jilani Main Jalon, Jalati Jalhar Jau,
Mo Dekha Jalhar Jale, Santo Kaha Bujhau.

बिरह जिलानी मैं जलौं हिंदी मीनिंग Birah Jilani Main Jalo Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

विरह की स्थिति का चित्रण करते हुए कबीर साहेब की वाणी है की विरह की अग्नि में जीवात्मा जल रही है, विरह की अग्नि में दग्ध जीवात्मा जलाशय के पास जाती है तो देखती है की जलाशय भी जल रहा है। ऐसे में संत ही बताएं की इस अग्नि को कहाँ और कैसे बुझाई जाय। आशय है की सम्पूर्ण संसार ही विरह की अग्नि में दग्ध है। यह अग्नि विषय विकार रूपी जलाशय में भी लगी हुई है। इस अग्नि को संतजन के सानिध्य में भक्ति करके ही इस अग्नि को बुझाया जा सकता है। 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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