दासातन हरदै बसै साधुन सो अधिन हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

दासातन हरदै बसै साधुन सो अधिन हिंदी मीनिंग Dasatan Harade Base

दासातन हरदै बसै, साधुन सो अधिन |
कहैं कबीर सो दास है, प्रेम भक्ति लवलीन ||

Dasatan Harade Base, Sadhu So Adheen,
Kahe Dabir So Das Hai, Prem Bhakti Lavleen.
 
दासातन हरदै बसै साधुन सो अधिन हिंदी मीनिंग Dasatan Harade Base Meaning
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

दास और सेवा भाव जिनके हृदय में रहता है और जो साधू के सानिध्य में रहता है, ऐसा भक्त ही सच्चा दास है जो प्रेम और भक्ति में लीन रहता है. इस दोहे में साधक के समर्पण के विषय में बताते हुए कबीर साहेब सन्देश देते हैं की सम्पूर्ण समर्पण और दास भाव ही सर्वोच्च है। बिना समर्पण के साधक गुरु के निर्देशों का पालन नहीं कर सकता है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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