जो तोकु कांटा बुवे ताहि बोय तू फूल हिंदी मीनिंग Jo Toku Kanta Bove Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Bhavarth/Arth
जो तोकु कांटा बुवे, ताहि बोय तू फूल।
तोकू फूल के फूल है, बाकू है त्रिशूल।
or
जो तोकूँ कॉटा बुवै, ताहि बोय तू फूल।
तोकूँ फूल के फूल हैं, बाकूँ है तिरशूल ।।
Jo Toku Kanta Bove, Tahi Boy Tu Phul,
Toku Phool Ke Phool Hai, Baku Hai Trishul.
जो : जो भी व्यक्ति
तोकु : तुमको
कांटा : काँटा, कष्ट।
बुवे : बोता है।
ताहि : तुसके लिए
बोय : लगाओं।
तू फूल : तुम फूल लगाओ।
तोकू फूल के फूल है : तुमको फूल के बदले में फूल ही मिलेंगे।
बाकू है त्रिशूल : उसके लिए त्रिशूल (अधिक कष्ट ) तैयार हैं।
तोकु : तुमको
कांटा : काँटा, कष्ट।
बुवे : बोता है।
ताहि : तुसके लिए
बोय : लगाओं।
तू फूल : तुम फूल लगाओ।
तोकू फूल के फूल है : तुमको फूल के बदले में फूल ही मिलेंगे।
बाकू है त्रिशूल : उसके लिए त्रिशूल (अधिक कष्ट ) तैयार हैं।
इस दोहे में कबीर दास सन्देश देते हैं कि हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, नेकी का व्यवहार करना चाहिए, भले ही वे हमारे साथ अच्छा व्यवहार ना करें. अगर हम दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं, तो हमें भी अच्छा व्यवहार मिलेगा. यदि कोई हमारे साथ बुरा व्यवहार करता है तो बदले में उसे प्रकृति स्वतः ही बुरा फल देती है।
कबीर साहेब इस दोहे में कहते हैं की जो व्यक्ति आपके लिए कांटे बोता है, राह में रोड़े अटकाता है तुम उसके लिए फूल लगाओ। जब तुम बदले की भावना को नहीं रखते हो तो तुम्हारे लिए फूल ही मिलेंगे और जो कांटे बोता है, षड्यंत्र करता है उसलिये लिए स्वतः ही कांटे त्रिशूल बन जायेंगे, वह स्वंय ही दुखी होगा। हमें दूसरों के साथ दयालु होना चाहिए, भले ही वे हमारे साथ दयालु न हों. अगर हम दूसरों के साथ दयालु होते हैं, तो वे भी हमारे साथ दयालु होंगे. यदि वे आपके लिए कांटे बिछाते हैं तो उसे स्वतः ही बुराई ही मिलने वाली है। इसलिए, हमें हमेशा दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, भले ही वे हमारे साथ अच्छा व्यवहार न करें.
कबीर साहेब इस दोहे में कहते हैं की जो व्यक्ति आपके लिए कांटे बोता है, राह में रोड़े अटकाता है तुम उसके लिए फूल लगाओ। जब तुम बदले की भावना को नहीं रखते हो तो तुम्हारे लिए फूल ही मिलेंगे और जो कांटे बोता है, षड्यंत्र करता है उसलिये लिए स्वतः ही कांटे त्रिशूल बन जायेंगे, वह स्वंय ही दुखी होगा। हमें दूसरों के साथ दयालु होना चाहिए, भले ही वे हमारे साथ दयालु न हों. अगर हम दूसरों के साथ दयालु होते हैं, तो वे भी हमारे साथ दयालु होंगे. यदि वे आपके लिए कांटे बिछाते हैं तो उसे स्वतः ही बुराई ही मिलने वाली है। इसलिए, हमें हमेशा दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, भले ही वे हमारे साथ अच्छा व्यवहार न करें.