जग में युक्ति अनूप है साधु संग गुरु ज्ञान मीनिंग कबीर के दोहे

जग में युक्ति अनूप है साधु संग गुरु ज्ञान मीनिंग Jag Me Yukti Anoop Hai Meaning : Kabir Ke dohe Hindi Arth Sahit.

जग में युक्ति अनूप है, साधु संग गुरु ज्ञान।
तामें निपट अनूप है, सतगुरु लगा कान॥२७॥
 
Jag Me Yukti Anoop Hai, Sadhu Sang Guru Gyan,
Tame Nipat Anoop Hai, Satguru Laga Kaan.
 
जग में युक्ति अनूप है साधु संग गुरु ज्ञान मीनिंग Jag Me Yukti Anoop Hai Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning / Arth

 
गुरु का ज्ञान अनुपम है, साधू की संगत और उनका ज्ञान अनूप है. इससे अधिक अनूप है सतगुरु के ज्ञान के वचनों में कान लगा दे, उसे ध्यान से सुनकर अनुसरण करना। सांसारिक मायाजनित बन्धनों से छूटने के लिए साहेब एक युक्ति हैं सबसे उत्तम बात यह है कि सतगुरु के वचनों को सुनना। अतः इस दोहे में कबीर साहेब ने गुरु के महत्त्व को स्थापित किया है.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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