जाके मुँह माथा नहीं नाहीं रूप कुरूप हिंदी मीनिंग
जाके मुँह माथा नहीं, नाहीं रूप कुरूप।
पुहुप बास तैं पातरा, ऐसा तत्त अनूप॥
Jake Munha matha Nahi, Nahi Rup Kurup,
Puhup Bas Te Patara, Aisa Tatv Anurp.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ
कबीर साहेब इस दोहे में वाणी देते हैं की जिसके मुंह नहीं है और माथा भी नहीं है, मस्तक नहीं है, ना तो वह रूपवान है और नाहीं कुरूप ही है। इश्वर तो फूल की खुशबू से भी पतला है और अनुपम तत्व है। आशय है की इश्वर का कोई रूप रंग नहीं है। वह साकार नहीं अपितु निराकार है। इस दोहे में, कबीर साहेब कहते हैं कि परम सत्य, जिसे ब्रह्म या ईश्वर भी कहा जाता है, वह न तो मुख और मस्तक वाला है, न ही उसका कोई निश्चित रूप है। वह न तो रूपवान है, न ही रूपहीन है। वह पुष्प की सुगंध से भी सूक्ष्म है। कबीर साहेब कहते हैं कि परम सत्य, एक अनुपम तत्त्व है, जिसे मनुष्य की बुद्धि और कल्पना के द्वारा समझा नहीं जा सकता है। यह दोहा, हमें यह याद दिलाता है कि परम सत्य, एक रहस्य है। उसे समझने के लिए, हमें अपनी सांसारिक धारणाओं और मान्यताओं को त्यागना होगा।
दोहे का मीनिंग /भावार्थ : Kabir Doha Hindi Meaning : ईश्वर के स्वरुप के सन्दर्भ में साहेब की वाणी है की जिसके कोई मुंह नहीं है, कोई माथा नहीं है वह तो निर्गुण और निराकार है। उसे ना तो सुन्दर कहा जा सकता है और नाहिं कुरूप ही। वह फूलों की खुशबु की भाँती है जिसे ना तो छुआ जा सकता है और नाही देखा जा सकता है लेकिन उसके अस्तित्व को महशुस किया जा सकता है। उसके होने का / अस्तित्व का पता लगाया जा सकता है। ऐसा है निर्गुण परम ब्रह्म। भाव है की ईश्वर को हम मंदिर, देवालय और मूर्तियों में एक रूप में ढाल कर देखते हैं। यह सत्य नहीं है क्योंकि वह तो निराकार है, निराकार होकर भी साकार है, कण कण में व्याप्त है। जिसके अस्तित्व को समझा जा सकता है। साहेब ने जहाँ मूर्तिपूजा का विरोध किया वहीँ पर लोगो को धार्मिक कर्मकाण्ड और अन्धविश्वास के प्रति भी जागृत किया और समझाया की ईश्वर किसी स्थान विशेष का मोहताज नहीं है, वह तो कण कण में, समस्त ब्रह्माण्ड में व्याप्त है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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