जिस मरनै थै जग डरै सो मेरे आनंद हिंदी मीनिंग Jis Marane The Jag Dare Meaning : kabir Ke Dohe Ka Hindi Arth / Bhavarth
जिस मरनै थै जग डरै, सो मेरे आनंद।
कब मरिहूँ कब देखिहूँ, पूरन परमानंद॥
Jis Marane The Jag Dare, So Mere Aanand,
Kab Marihu Kab Dekhihu, Puran Parmanand.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
कबीर साहेब के इस दोहे का मूल भाव है की जिस मृत्यु से लोग डरते हैं वह कबीर साहेब के लिए एक आनंद का विषय भी है। वे विचार करते हैं की कब मृत्यु को प्राप्त करेंगे और कब परमानंद, इश्वर को प्राप्त करेंगे। साधक के लिए मृत्यु कोई भय का विषय नहीं है। साधक के लिए मृत्यु एक उत्साह और उत्सव का विषय है क्योंकि वे अपने पूर्ण परमात्मा से मिलन के लिए तैयार रहते हैं। संत कबीर दास जी के इस दोहे में वे मृत्यु के बारे में अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। वे कहते हैं कि जिस मृत्यु से संसार डरता है, वह उनके लिए आनंद है। वे मृत्यु को ईश्वर के दर्शन का अवसर मानते हैं। पहले चरण में कबीर दास जी कहते हैं कि "जिस मरनै थै जग डरै, सो मेरे आनंद"। इसका अर्थ है कि जिस मृत्यु से संसार डरता है, वह उनके लिए आनंद है।
"कब मरिहूँ कब देखिहूँ, पूरन परमानंद"। इसका अर्थ है कि कब मरूँगा और कब पूर्ण परमानंद स्वरूप ईश्वर का दर्शन करूँगा। तीसरे चरण में कबीर दास जी कहते हैं कि "देह त्याग के बाद ही ईश्वर का साक्षात्कार होगा। घट का अंतराल हट जाएगा तो इश्वर में उसका अंश मिल जाएगा"।