कबीर कुत्ता हरि का मोतिया मेरा नाव मीनिंग
कबीर कुत्ता हरि का मोतिया मेरा नाव मीनिंग
कबीर कुत्ता हरि का, मोतिया मेरा नाव,डोरी लागी प्रेम की, जित बैंचे तित जाव।
Kabir Kutta Hari Ka, Motiya Mera Nav,
Dori Lagi Prem Ki, Jit Beche Tit Jaav.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
इस दोहे में कबीर साहेब सेवक के दास्य भाव का प्रदर्शन करते हुए कहते हैं की साधक का नाम मुतिया नामक कुत्ता है, गले में भक्ति रूपी राम नाम की रस्सी है। उनका नाम मुतिया है। उनके गले में राम नाम की जंजीर पड़ी हुई है। वह उधर ही जाता है जिधर उसके स्वामी उसे खींचते हैं।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |
