कबीर मरनां तहं भला जहां आपनां न कोइ हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

कबीर मरनां तहं भला जहां आपनां न कोइ हिंदी मीनिंग Kabir Maran Tah Bhala Meaning : Kabir Ke Dohe

कबीर मरनां तहं भला, जहां आपनां न कोइ।
आमिख भखै जनावरा, नाउं न लेवै कोइ॥ 

Kabir Marana Tah Bhala, Jaha Aapna Na Koi,
Aamikh Bhakhe Janavara, Nau Na Leve Koi,
 
कबीर मरनां तहं भला जहां आपनां न कोइ हिंदी मीनिंग Kabir Maran Tah Bhala Meaning

कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग Kabir Ke Dohe Hindi Meaning : Kabir Ke Dohe HIndi Arth/Bhavarth

कबीर साहेब इस दोहे में मृत्यु के स्थान पर कह रहे हैं की साधक की मृत्यु होने के उपरान्त देह भी इस जगत के अन्य प्राणियों के लिए उपयोगी होने चाहिए। साहेब कहते हैं की मरना वहां भला होता है जहाँ पर अपना कोई ना हो, यथा जानने वाले, रिश्तेदार आदि। साधक को वहां पर अपनी देह का त्याग करना चाहिए जहाँ पर उसकी देह को अन्य जानवर खा लें, और कोई उसका नाम भी लेने वाला न हो। अद्भुद विचार है कबीर साहेब का जैसे की प्राचीन पारसी समाज में भी इस विचार का अनुसरण किया जाता रहा है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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