माली आवत देखि के कलियाँ करैं पुकार हिंदी मीनिंग Mali Aavat Dekhi Ke Meaning : Kabir ke Dohe Ka Hindi Arth/Bhavarth Hindi Arth Sahit
माली आवत देखि के, कलियाँ करैं पुकार।
फूली-फूली चुनि गई, कालि हमारी बार॥
Mali Aavat Dekhi Ke, kaliya kare Pukar,
Phuli Phuli Chuni Gayi, Kali Hamari Bar.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
जीवात्मा करूँण पुकार लगा रही है की एक रोज यम उनको अपने साथ लेकर जाएगा। जैसे माली आने पर कलियाँ पुकार लगाती हैं की फूलों को माली तोड़ लेता है, कल हमारी बारी है। आशय है की एक रोज यह जीवन समाप्त हो ही जाना है। कबीर दास जी की इस साखी में, वे जीवन और मृत्यु के चक्र को व्यक्त कर रहे हैं। वे कहते हैं कि मृत्यु हर जीव को एक दिन अवश्य आती है। कबीर दास जी कहते हैं कि मृत्यु रूपी माली को आता देखकर जीवात्मा पुकार करती है की पूर्ण विकसित फूल को माली रूपी काल चुन ले गया। कल हमारी भी बारी आ जाएगी। अन्य पुष्पों की तरह कली को भी काल कवलित होना पड़ेगा। आशय है की सभी काल के ग्रास बनने वाले हैं.अतः हरी सुमिरन ही मुक्ति का आधार है.