साबुन बिचारा क्या करे गाँठे वाखे मोय मीनिंग

साबुन बिचारा क्या करे गाँठे वाखे मोय हिंदी मीनिंग

साबुन बिचारा क्या करे, गाँठे वाखे मोय।
जल सो अरक्षा परस नहिं, क्यों कर ऊजल होय॥

Sabun Bichara Kya Kare, Ganthe Vakhe Moy,
Jal So Araksha Paras Nahi, Kyo Jal Ujal Hoy.
 
साबुन बिचारा क्या करे गाँठे वाखे मोय हिंदी मीनिंग Sabun Bichara Kya Kare Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning

इस दोहे में कबीर साहेब ज्ञान के व्यावहारिक पक्ष पर बल देते हैं। जैसे साबुन को यदि गाँठ में रख छोड़ा है, साबुन को काम में ही नहीं लिया जा रहा है और जल से स्पर्श नहीं किया है तो कैसे कोई कपड़ा साफ़ हो सकता है, मैल कैसे दूर हो सकता है।

इस दोहे का मूल भाव / भावार्थ है की यदि हमने ज्ञान को अर्जित कर लिया है, ज्ञान को रट लिया है लेकिन उसे अपने आचरण में नहीं उतारा गया है, व्यवहार में नहीं लाया गया है तो ऐसे ज्ञान का कोई लाभ नहीं होने वाला है. किताबी ज्ञान एक तरफ है, उसे हमें अपने जीवन में उतार कर आचरण का भाग बना लेना चाहिए।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post