आवत गारी एक है उलटत होय अनेक हिंदी मीनिंग
आवत गारी एक है, उलटत होय अनेक।
कहें कबीर नहि उलटियो, वही एक की एक।।
Aavat Gari Ek Hai, Ulatat Hoy Anek,
Kahe Kabir Nahi Ulatiyo, Vahi Ek ki Ek.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब ने वाणी के महत्त्व को बताया है की हमें किसी को गाली नहीं निकालनी चाहिए, जब हम किसी को एक गाली देते हैं तो सामने से हमें अनेकों गालिया सुनने को मिलती हैं. एक गाली अनेक गाली में बदल जाती है. यदि सामने से हम उसका उत्तर ना दें तो एक गाली एक ही रहती है, वह वृद्धि नहीं करती है. गाली से मरने मारने तक की बात आ जाती है। कबीर के अनुसार हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो दूसरों को सुख और शांति प्रदान करे। उनकी एक प्रसिद्ध पंक्ति है, "ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोए, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।" इसका अर्थ है कि हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो हमारे मन को भी शांति प्रदान करे और दूसरों को भी सुख और शांति प्रदान करे।
अतः कबीर साहेब इस दोहे के माध्यम से सन्देश देते हैं की गाली और अपशब्द से हमको बचना चाहिए. हमें गाली के उत्तर में गाली नहीं देनी चाहिए. सामने से भी यदि गाली प्राप्त होती है तो एक गाली अनेकों गाली में बदल जाती है. यदि गाली के प्रतिउत्तर में गाली ना दी जाए तो अवश्य ही गाली एक की एक ही रह जाती है.
आपको कबीर साहेब के ये दोहे अर्थ सहित अधिक पसंद आयेंगे -
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
|