बिन रखवाले बाहिरा चिड़िया खाया खेत हिंदी मीनिंग Bin Rakhwale Bahira Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit.
बिन रखवाले बाहिरा, चिड़िया खाया खेत।आधा-परधा ऊबरे, चेति सकै तो चेत॥
Bin Rakhwale Bahira, Chidiya Khaya Khet.
Aadha Paradha Ubare, Cheti Sake To Chet.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब ने इस दोहे में इन्द्रियों और मानव जीवन के बारे में बताते हुए कहा है की यह जीवन एक खेत की भाँती है और यदि खेत की रखवाली ना की जाए तो इन्द्रियों रूपी जानवर खेत की फसल को तबाह कर देते हैं. तुमने अपने खेत का ध्यान नहीं रखा, इसलिए खेत उजड़ गया है, अभी भी समय है ज्ञान प्राप्त करके सचेत हो जाओ और आधा पर्दा (थोड़ा बहुत) जो भी बच रहा है उसे बचाओ. कबीर के दोहे 'बिन रखवाले बाहिरा, चिड़िया खाया खेत' का भावार्थ- कबीर इस दोहे में हमें असावधानी के खतरे के बारे में चेतावनी देते हैं। वे कहते हैं कि अगर हम अपने जीवन को ठीक से नहीं संभालेंगे, तो हम बहुत कुछ खो सकते हैं।इस दोहे का संदेश यह है कि हमें जीवन में सतर्क रहना चाहिए और विषय वासनाओं से मुक्त होने का प्रयत्न करना चाहिए। हमें अपने दुश्मनों से सावधान रहना चाहिए, जो की विषय विकार ही हैं। हमें अपने जीवन को व्यर्थ की बातों में न लगाकर, उसे ईश्वर भक्ति में लगाना चाहिए। इश्वर की भक्ति ही इस जीवन को सार्थक बना सकती है.
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