फाटै दीदै में फिरौं नजरि न आवै कोइ हिंदी मीनिंग Fate Deede Me Firo Najari Na Aave Meaning

फाटै दीदै में फिरौं नजरि न आवै कोइ हिंदी मीनिंग Fate Deede Me Firo Najari Na Aave Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth

फाटै दीदै में फिरौं, नजरि न आवै कोइ।
जिहि घटि मेरा साँईयाँ, सो क्यूं छाना होइ ॥
 
Fate Deede Me Phiro, Najari Na Aave Koi,
Jihi Ghati Mera Saiya, So Kyu Chhana Hoi.
 
फाटै दीदै में फिरौं नजरि न आवै कोइ हिंदी मीनिंग Fate Deede Me Firo Najari Na Aave Meaning


कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर साहेब कहा रहे हैं की अपनी आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे हैं लेकिन कुछ भी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा है. लेकिन वह कैसे छुप सकता है, जिसके हृदय में इश्वर जागृत रूप में हैं. कबीर साहेब मानते हैं कि भगवान एक ऐसी शक्ति हैं जिन्हें छिपाया नहीं जा सकता है, इश्वर रूपी शक्ति को जिन्होंने जागृत कर लिया है वह स्वंय में ही प्रकाशित हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति भगवान को देख लेता है, जिसके हृदय में इश्वर की ज्योति जागृत हो गई है जिसके हृदय में साई जागृत है वह स्वंय में ही प्रकाशित हो जाता है और दिखाई देता है.
 
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